किसानों के प्रदर्शन को 100 दिन पूरे; कब किन पड़ावों से गुजरा आंदोलन?
क्या है खबर?
तीन नए कृषि कानूनों को वापस कराने की मांग के साथ दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसानों के प्रदर्शन को 100 दिन पूरे हो गए हैं।
पिछले साल 25 नवंबर को मुख्य तौर पर पंजाब और हरियाणा के किसानों ने 'दिल्ली चलो' के नारे के साथ राजधानी का कूच किया था। उसके बाद से किसान आंदोलन लगातार जोर पकड़ता गया।
आइये, जानते हैं कि बीते 100 दिनों में किसान आंदोलन कब किन पड़ावों से गुजरा है।
किसान आंदोलन
26 नवबंर, 2020 को दिल्ली पहुंचे थे किसान
26 नवंबर, 2020- दिल्ली में घुसने का प्रयास कर रहे किसानों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया और आंसू गैस के गोले दागे गए। बाद में पुलिस ने किसानों को बुराड़ी के पास निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत दी। कुछ किसान इस मैदान में आ गए, लेकिन अधिकतर सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर डट गए।
28 नवंबर- गृह मंत्री अमित शाह ने बॉर्डर से हटने की शर्त पर किसानों के साथ बातचीत की पेशकश की।
किसान आंदोलन
3 दिसंबर, 2020 को हुई थी पहली बार बातचीत
3 दिसंबर, 2020- सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों से पहली बार बातचीत की। यह बैठक बेनतीजा साबित हुई।
5 दिसंबर, 2020- सरकार और किसानों के बीच दूसरे दौर की बातचीत। यह बैठक भी बेनतीजा खत्म हुई।
8 दिसंबर, 2020- किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया। हरियाणा, पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों के किसानों ने भी इस आह्वान का समर्थन किया।
9 दिसंबर, 2020- किसान संगठनों ने सरकार के कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
किसान आंदोलन
11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
11 दिसंबर, 2020- तीनों कानूनों को रद्द कराने की मांग के साथ भारतीय किसान यूनियन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
16 दिसंबर, 2020- सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध खत्म कराने के लिए समिति बनाने का सुझाव दिया। इस बीच सरकार और किसानों के बीच बातचीत जारी रही।
30 दिसंबर, 2020- छठे दौर की बातचीत में सरकार पराली जलाने पर जुर्माना और बिजली को लेकर लाने वाले बिल से किसानों को बाहर रखने पर राजी हुई।
किसान आंदोलन
12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के अमल पर लगाई रोक
7 जनवरी, 2021- सुप्रीम कोर्ट 11 जनवरी को कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को चुनौती देने वाली याचिकाएं सुनने को तैयार हुआ।
11 जनवरी, 2021- सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन से निपटने के लिए सरकार के तरीके को लेकर फटकार लगाई। कोर्ट ने गतिरोध समाप्त कराने के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में समिति गठित करने का सुझाव दिया।
12 जनवरी, 2021- सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगाई और चार सदस्यीय समिति का गठन किया।
किसान आंदोलन
ट्रैक्टर परेड में हुई थी हिंसा
26 जनवरी- कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने ट्रैक्टर परेड बुलाई थी। इस दौरान कुछ उपद्रवी तत्वों ने परेड के तय रूटों से हटकर जमकर उत्पात मचाया। कुछ लोग ट्रैक्टर लेकर लाल किले के पास पहुंच गए थे। इस दौरान कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प हुई।
28 जनवरी- ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद सख्ती बरतते हुए प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर खाली कराने के आदेश जारी किए।
किसान आंदोलन
9 फरवरी को दीप सिद्धू की गिरफ्तारी
4 फरवरी- सरकार ने किसानों के समर्थन में ट्वीट करने वाली अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की टिप्पणियों को विरोध किया।
5 फरवरी- दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन के समर्थन में 'टूलकिट' बनाने वाले लोगों के खिलाफ देशद्रोह, आपराधिक साजिश के आरोपों में FIR दर्ज की। पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने यह टूलकिट ट्वीट की थी।
6 फरवरी- किसानों ने देशभर में तीन घंटों तक चक्का जाम किया।
9 फरवरी- लाल किला हिंसा मामले में आरोपी दीप सिद्धू की गिरफ्तारी हुई।
किसान आंदोलन
14 फरवरी को दिशा रवि की गिरफ्तारी
14 फरवरी- दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में बेंगलुरू से 21 वर्षीय एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया।
18 फरवरी- किसान संगठनों ने देशभर में रेल रोको अभियान चलाया। इसके तहत देश में कई जगहों पर रेल यातायात को बाधित किया गया।
23 फरवरी- टूलकिट मामले में गिरफ्तार दिशा रवि को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दी।
5 मार्च- पंजाब विधानसभा ने बिना शर्त तीनों कानून वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया।
किसान आंदोलन
6 मार्च को किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे
6 मार्च- किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हुए।
इस आंदोलन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं। कई लोग इस आंदोलन को किसानों की पहचान को पुनर्स्थापित करने वाला बता रहे हैं।
किसानों का कहना है कि जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा। सरकार का कहना है कि वह कानूनों में बदलाव और इनके अमल पर रोक लगाने को तैयार है, लेकिन इन्हें रद्द नहीं किया जाएगा।