केरल: महिला दिवस पर मुख्यमंत्री की सुरक्षा से लेकर थानों की जिम्मेदारी संभालेंगी महिलाएं
महिलाओं की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में दिए गए अपने अहम योगदान के लिए हर साल 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को विशेष बनाने के लिए विभिन्न तैयारियां की जा रही हैं। इसी कड़ी में केरल सरकार ने महिलाओं के सम्मान के लिए विशेष तैयारी की है। सरकार ने महिला दिवस पर मुख्यमंत्री की सुरक्षा, रेल संचालन एवं प्रबंधन सहित पुलिस थानों की कमान महिलाओं को सौंपने का निर्णय किया है।
पुलिस महानिदेशक ने जारी किए विशेष आदेश
प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को महिला दिवस पर सभी थानों की कमान यानी थानाप्रभारी (SHO) की जिम्मेदारी थानों में कार्यरत महिला पुलिसकर्मियों को सौंपने के निर्देश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि उस दिन सभी थानों का प्रबंधन महिला थानाप्रभारियों के हाथों में रहेगा और वरिष्ठ सिविल पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा कर कानून व्यवस्था की निगरानी करेंगे।
महिला कमांडों के हाथों में होगी मुख्यमंत्री की सुरक्षा
सरकार ने महिला दिवस पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रदेश की महिला कमांडो को सौंपने का निर्णय किया है। इसके तहत मुख्यमंत्री के वाहन एस्कॉर्ट में महिला कमांडो ड्यूटी पर रहेंगी। इसी तरह मुख्यमंत्री आवास पर भी महिला पुलिस गार्ड तैनात होंगी।
महिलाएं ही करेंगी ट्रेन का संचालन
केरल सरकार ने महिला दिवस पर ट्रेनों के संचालन की जिम्मेदारी भी महिलाओं को सौंपने का निर्णय किया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री केके शैलजा ने बताया कि प्रदेश में पहली बार महिलाओं द्वारा ट्रेन का संचालन किया जाएगा। उस दिन एर्नाकुलम जाने वाली वेनाड एक्सप्रेस में लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, पॉइंट्समैन, गेटकीपर और ट्रैकवूमन सभी महिलाएं होंगी। इसी तरह टिकट बुकिंग, सूचना केंद्र, सिग्नल आदि पर भी महिलाएं ही होंगी।
पिछले साल मध्य प्रदेश में महिलाओं ने चलाई थी ट्रेन
बता दें कि पिछले साल भी महिला दिवस पर मध्य प्रदेश में महिला कर्मचारियों ने ट्रेन संचालन के जिम्मेदारी निभाई थी। उस दौरान महिला कर्मचारियों ने भोपाल-बिलासपुर का संचालन किया था। ट्रेन में लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, पॉइंट्समैन, गेटकीपर और ट्रैकवूमन सहित टिकट बुकिंग, सूचना केंद्र व सिग्नल सभी जगहों पर महिला कर्मचारियों को तैनात किया गया था। इसी तहर अहमदाबाद विधानसभा में सदन का कामकाज महिलाओं ने संभाला था।
ऐसे हुई थी महिला दिवस की शुरुआत
1908 में न्यूयॉर्क में महिलाओं ने नौकरी के घंटे कम करने और वेतनमान बढ़ाने की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन किया था। इसमें महिलाओं की जीत होने पर सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया था। इसके बाद क्लारा ज़ेटकिन ने 1910 में कोपेनहेगन में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में इसे 17 देशों की 100 से अधिक सदस्यों के बहुमत से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रुप में मनाने का पस्ताव पारित कराया था।
इसलिए 8 मार्च को ही मनाया जाता है महिला दिवस
1917 में युद्ध के दौरान रूसी महिलाओं ने 'ब्रेड एंड पीस' की मांग की। महिलाओं की हड़ताल से वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ना पड़ा था। रूस के जूलियन कैलेंडर के हिसाब से यह आंदोलन 23 फरवरी को शुरु हुआ था, लेकिन ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था। ऐसे में उस दिन के बाद से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। महिला दिवस प्रत्येक वर्ष एक अलग थीम पर मनाया जाता है।
ये है इस साल की थीम
इस साल महिला दिवस की थीम ''I am Generation Equality: Realizing Women's Rights'' है। इसका मतलब महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और जेंडर इक्वेलिटी पर बात करना है।