टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान ने की आत्महत्या, पेड़ से लटका मिला शव
दिल्ली-हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर शनिवार सुबह एक किसान मृत पाया गया। पुलिस ने कहा कि मृत किसान हरियाणा के जींद का रहने वाला है और टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे आंदोलन में शामिल था। 52 वर्षीय करमवीर सिंह के शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने किसानों से तीनों कृषि कानूनों के निरस्त होने तक वापस नहीं जाने की बात कही गई है।
पार्क में पेड से लटका मिला शव
पुलिस के अनुसार, जींद के सिंहवाल गांव के रहने वाले करमवीर टिकरी बॉर्डर के पास स्थित एक पार्क में एक पेड़ से लटके हुए पाए गए। बहादुरगढ़ शहर थाने के थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने मामले पर कहा, "मृतक आंदोलन में शामिल था और पाए से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। उसके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। उसका शव मुर्दाघर में रखा गया है और परिवार के आने और सहमति देने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा।"
सुसाइड नोट में करमवीर ने लिखा- तारीख पर तारीख दे रही मोदी सरकार
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, करमवीर ने हाथ से लिए अपने सुसाइड नोट की शुरूआत "भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद" के नारे के साथ की है। उन्होंने आगे लिखा है, "मेरे प्रिय किसान भाईयों, यह मोदी सरकार तारीख पर तारीख दे रही है। इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि इन काले कानूनों को कब रद्द किया जाएगा। हम यहां से तब तक नहीं जाएंगे जब तक इन कानूनों को रद्द नहीं किया जाता।"
आंदोलन के दौरान कई किसान कर चुके हैं आत्महत्या
बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान अब तक कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं। इससे पहले दिसंबर की शुरूआत में राम सिंह नामक एक 65 वर्षीय सिख संत ने सिंघू बॉर्डर के पास खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसके कुछ दिन बाद एक 22 वर्षीय किसान ने भी बठिंडा में प्रदर्शन से लौटने के बाद आत्महत्या कर ली। वहीं उत्तर प्रदेश के कश्मीर सिंह लाडी ने 2 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर पर आत्महत्या कर ली थी।
ये लोग भी कर चुके हैं आंदोलन के दौरान आत्महत्या
इसके अलावा आंदोलन में शामिल पंजाब के एक वकील भी जहर खाकर टिकरी बॉर्डर पर आत्महत्या कर चुके हैं। अमरजीत सिंह नामक इन वकील के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। 'तानाशाह मोदी के नाम पत्र' शीर्षक वाले इस नोट में उन्होंने किसानों के आंदोलन के समर्थन में आत्महत्या करने की बात कही थी। 9 जनवरी को पंजाब के अमरिंदर सिंह ने भी सिंघु बॉर्डर पर जहर खाकर अपनी जान दे दी थी।
किसानों नेताओं की अपील- आत्महत्या के ऊपर संघर्ष को चुनें किसान
एक के बाद एक कई किसानों के आत्महत्या करने जैसा कदम उठाने के बाद किसान नेता उनसे ऐसा न करने और आत्महत्या के ऊपर संघर्ष को चुनने की अपील भी कर चुके हैं। भारतीय किसान संघ (BKU) के नेता बूटा सिंह और जगमोहन ने कहा था कि किसानों को आत्महत्या नहीं करनी चाहिए। किसानों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें आत्महत्या करने की बजाय आंदोलन और संघर्ष में शामिल होना चाहिए।