कमजोर विपक्ष के कारण किसानों की यह हालत, कुछ नहीं कर रहे विपक्षी दल- टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसानों की मौजूदा हालत के लिए 'कमजोर विपक्ष' को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष कमजोर नहीं होता तो आज किसानों की यह हालत नहीं होती। बता दें कि राकेश टिकैत तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संगठन का हिस्सा है और वो सरकार के साथ हो रही बातचीत में भी शामिल होते हैं। वो गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन की कमान संभाले हुए हैं।
इंडिया टुडे के साथ इंटरव्यू में राकेश टिकैत ने कहा, "अगर विपक्ष कमजोर नहीं होता तो देश के किसानों की यह हालत नहीं होती। अगर विपक्ष ने आवाज उठाई होती है तो यह नहीं होता। वो कुछ नहीं कर रहे हैं। क्या कृषि कानूनों को लेकर कोई भी विपक्षी नेता जेल में है?" ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के आरोप में अपने खिलाफ हुई FIR को टिकैत ने सर्टिफिकेट बताया है।
टिकैत ने कहा कि किसी आंदोलन या प्रदर्शन को मान्यता ही तब मिलती है, जब सरकार आपके खिलाफ केस दायर कर दे। अगर किसी प्रदर्शनकारी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हो रहा तो इसका मतलब है कि सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच सहमति है।
शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने तीन घंटों तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली को छोड़कर देशभर में चक्का जाम किया था। चक्का जाम के बाद टिकैत ने कहा कि सरकार के पास तीनों कानूनों की वापसी के लिए 2 अक्टूबर तक का समय है। इसके बाद अगली रणनीति का खुलासा किया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि किसान नेता सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन सरकार उन्हें प्रदर्शन करने से रोक रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को दिल्ली को छोड़कर देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया था। इसके बाद टिकैत ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम न करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि इन जगहों पर हिंसा की आशंका है, इसलिए सड़कें जाम नहीं की जाएंगी। उनके इस फैसले को संयुक्त किसान मोर्चे ने जल्दबाजी में लिया निर्णय बताते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में विचार करना चाहिए था।
मोर्चा के सदस्य डॉ दर्शनपाल ने कहा कि टिकैत को यह फैसला लेने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बातचीत करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, "यह बेहतर होता अगर टिकैत ने यह फैसला मीडिया से पहले हमें बताया होता। हालांकि, उन्होंने बाद में इसे मोर्चा के साथ साझा किया और दोनों के बीच इस पर सहमति बनी।" उन्होंन यह भी कि मोर्चे के बीच सबकुछ ठीक है और मीडिया को अटकलों से बचना चाहिए।