
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर में किया 'नागास्त्र-3' ड्रोन का निरीक्षण, जानें इसकी खासियत
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 30 मार्च को नागपुर दौरे पर थे। वहां वे संघ मुख्यालय जाने के बाद सोलर इंडस्ट्रीज पहुंचे और ड्रोन निर्माण के लिए रनवे सुविधा का उद्घाटन किया।
उन्होंने सोलर इंडस्ट्रीज की इकाई सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा विकसित किए जा रहे 'नागस्त्र-3' कामिकेज ड्रोन सिस्टम का निरीक्षण भी किया। ये ड्रोन अभी प्रोटोटाइप चरण में है।
आइए 'नागस्त्र-3' ड्रोन की खासियत जानते हैं।
ड्रोन
कैसा है 'नागस्त्र-3' ड्रोन?
'नागस्त्र-3' एक आत्मघाती ड्रोन या कामिकेज ड्रोन है। सेना की भाषा में इसे लॉयटरिंग म्यूनिशंस कहते हैं। ये विस्फोटकों से लदे ड्रोन होते हैं, जो खुद लक्ष्य से टकराकर हमले को अंजाम देते हैं।
'नागास्त्र-3' को मीडियम रेंज प्रिसिजन किल सिस्टम (MRPKS) और रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया, 2020 की मेक-I श्रेणी के तहत विकसित किया जा रहा है।
पिछले साल दिसंबर में ही भारतीय सेना को 'नागास्त्र-1' ड्रोन आधिकारिक तौर पर मिले थे।
खासियत
क्या है खासियत?
इन ड्रोन की रेंज 100 किलोमीटर तक है और ये लगातार 5 घंटे तक हवा में उड़ान भर सकते हैं। नागास्त्र के पिछले संस्करण के मुकाबले ये क्षमता काफी ज्यादा है।
इनकी सबसे बड़ी खासियत है चुपचाप हमला करना। इससे दुश्मन को सचेत होने का मौका नहीं मिलता।
ये रीयल टाइम वीडियो बनाते हुए निगरानी और हमला करने में सक्षम है।
इसमें पैराशूट रिकवरी सिस्टम है। यानी मिशन रद्द होने पर इसे सुरक्षित तरीके से वापस बुलाया जा सकता है।
कार्ड
सुरक्षाबलों के लिए ये कितने मददगार?
इस तरह के ड्रोन सुरक्षाबलों की जान जोखिम में डाले बिना हमला करने में सक्षम है।
इनसे भीड़ में ये चलते-फिरते लक्ष्य पर बिना आसपास के वातावरण को व्यापक नुकसान पहुंचाए हमला किया जा सकता है।
ये हल्के हैं, इस वजह से जवान इन्हें पैदल अपने साथ लेकर जा सकते हैं।
इलेक्ट्रिक प्रपल्सन सिस्टम की वजह से दुश्मन देशों के रडार भी इन्हें आसानी से ट्रैक नहीं कर पाते हैं।
पिछले संस्करण
नागास्त्र ड्रोन के पिछले संस्करणों की क्या है खासियत?
बीते साल 'नागास्त्र-1' को सेना में शामिल किया गया था। इसका वजन लगभग 30 किलोग्राम है और यह अपने साथ एक किलो तक विस्फोटक ले जा सकता है।
यह एक घंटे तक हवा में उड़ते हुए लक्ष्य की निगरानी कर 2 मीटर की सटीकता के साथ हमला कर सकता है।
वहीं, 'नागास्त्र-2' 20 किलोग्राम वजनी है। इसमें 4 किलोग्राम का एंटी-टैंक/एंटी-पर्सनल वारहेड, एक पोर्टेबल न्यूमेटिक लॉन्चर और सभी मौसमों में रियल-टाइम टारगेटिंग के लिए डुअल डे-नाइट सेंसर लगे हैं।