'बीटिंग रिट्रीट' के साथ खत्म हुआ गणतंत्र दिवस समारोह, बारिश के चलते नहीं हुआ ड्रोन शो
दिल्ली के ऐतिहासिक विजय चौक पर रविवार शाम को बीटिंग द रिट्रीट के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का अंत हो गया। इसमें भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायुसेना और और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के विभिन्न बैंड ने 29 भारतीय धुन बजाकर शानदार प्रस्तुतियां दीं। बीटिंग द रिट्रीट समारोह के अंत में एक भव्य ड्रोन शो और लाइट शो का भी आयोजन होना था, लेकिन खराब मौसम और बारिश के चलते यह आयोजित नहीं हो सका।
समारोह में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हुए शामिल
बीटिंग द रिट्रीट समारोह में भारत की राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं। समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए।
बीटिंग रिट्रीट समारोह में क्या-क्या हुआ?
बीटिंग द रिट्रीट समारोह सामूहिक बैंड की 'अग्निवीर' धुन के साथ शुरू हुआ। भारतीय वायुसेना के बैंड ने 'अपराजेय अर्जुन', 'चरखा', 'वायु शक्ति', 'स्वदेशी' धुन बजाईं, जबकि भारतीय नौसेना के बैंड ने 'एकला चलो रे', 'हम तैयार हैं' और 'जय भारती' की धुनें बजाईं। वहीं भारतीय सेना के बैंड ने 'शंखनाद', 'शेर-ए-जवान', 'भूपाल', 'अग्रणी भारत', 'यंग इंडिया', 'कदम कदम बढ़ाए जा', 'ड्रमर्स कॉल' और 'ऐ मेरे वतन के लोगों' की धुन बजाईं।
यहां देखें नौसेना के बैंड की प्रस्तुति
'सारे जहां से अच्छा' की धुन के साथ हुआ समारोह का समापन
हल्की बारिश के बीच हुए बीटिंग द रिट्रीट समारोह में पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड ने 'अल्मोड़ा', 'केदारनाथ', 'संगम दूर', 'क्वींस ऑफ सतपुरा', 'भागीरथी', 'कोंकण सुंदरी' जैसी मोहक धुनें बजाईं। बीटिंग द रिट्रीट समारोह का समापन लोकप्रिय धुन 'सारे जहां से अच्छा' के साथ हुआ। बता दें कि समारोह के मुख्य संचालक फ्लाइट लेफ्टिनेंट लीमापोकपम रूपचंद्र सिंह थे, जबकि सेना के बैंड का नेतृत्व सूबेदार मेजर दिग्गर सिंह ने किया था।
समारोह में देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो था प्रस्तावित
बीटिंग द रिट्रीट समारोह में देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो होना प्रस्तावित था, लेकिन बारिश और खराब मौसम के चलते इसे रद्द कर दिया गया। इस भव्य ड्रोन शो में 3,500 स्वदेशी ड्रोन राष्ट्रीय आकृतियों और घटनाओं के रूपों को प्रस्तुत करने वाले थे। वहीं लाइट शो में पहली बार 3-डी एनामॉर्फिक प्रोजेक्शन का भी इस्तेमाल होना था। बता दें कि इस ड्रोन शो का आयोजन बोटलैब्स डायनामिक्स नामक स्टार्टअप द्वारा किया जाना था।
बीटिंग द रिट्रीट के साथ होता है गणतंत्र दिवस समारोह का अंत
हर वर्ष 29 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह चार दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के तौर पर आयोजित किया जाता है। शानदार कलाओं और रंगों के साथ प्रस्तुत होने वाला यह यह समारोह राष्ट्रीय गौरव की एक अनूठी मिसाल है। इस समारोह की शुरुआत 1950 के दशक की शुरुआत में हुई थी और भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने स्वदेशी रूप से सामूहिक बैंड के प्रदर्शन के इस अनूठे समारोह को विकसित किया था।
सदियों पुराना है बीटिंग द रिट्रीट का इतिहास
बीटिंग द रिट्रीट का इतिहास सदियों पुराना है। यह उस सैन्य परंपरा को दर्शाता है, जब सूर्यास्त के समय रिट्रीट की आवाज सुनकर सैनिक लड़ाई बंद कर और अपने हथियारों को रखकर युद्ध के मैदान से अपने शिविरों में वापस लौटते थे। बीटिंग द रिट्रीट समारोह सेना की छावनी वापसी का प्रतीक है। यह भव्य समारोह बीते समय की यादों को आधुनिक तौर पर ताजा करता है।