ब्रह्मोस एयरोस्पेस में अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी नौकरी, कंपनी ने बताया कारण
भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत 4 साल के लिए भर्ती होने वाले अग्निवीरों को नौकरी देने के लिए भारत-रूस का संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड आगे आया है। फर्स्टपोस्ट के मुताबिक, कंपनी करीब 15 प्रतिशत तकनीकी रिक्तियां अग्निवीरों से भरेगी। इसके अलावा, प्रशासनिक और सुरक्षा भूमिकाओं में आधे पद भी अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेंगे, जिसमें बाहरी काम भी शामिल है। कंपनी अग्निवीरों को नियमित अनुबंधों से अलग एकीकृत करने को भी तैयार है।
200 से अधिक साझेदारों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी अपने उद्योग भागीदारों को ब्रह्मोस की आवश्यकताओं से जुड़ी भूमिकाओं में अग्निवीरों के लिए अपने कार्यबल का 15 प्रतिशत आरक्षित करने को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए ब्रह्मोस के 200 से अधिक उद्योग साझेदारों को अग्निवीरों को अवसर देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ब्रह्मोस के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एसके जोशी ने बताया कि 250 से अधिक भारतीय अभी कंपनी का हिस्सा है, अग्निवीर के पहले बैच से हम जबरदस्त प्रतिक्रिया की उम्मीद हैं।
कंपनी ने क्यों किया यह फैसला?
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रबंध निदेशक अतुल दिनकर राणे ने इस फैसले के पीछे के तर्क को समझाते हुए बताया कि अग्निवीरों को उनकी नौकरी के दौरान प्रशिक्षित कर अनुशासित बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी को इसके बाद अतिरिक्त प्रशिक्षण पर संसाधन खर्च नहीं करने होंगे क्योंकि उन्होंने सशस्त्र बलों में जो भी ट्रेड अपनाया होगा और जो सीखा होगा, उसमें उनको कठोर प्रशिक्षण दिया जाएगा। ब्रह्मोस में भी प्रशिक्षित और अनुशासित कार्यबल तैयार करने की यही प्रक्रिया है।
खुल रहे रास्ते
अग्निपथ योजना के विरोध को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से अग्निवीरों को सेवा के बाद नौकरियों में आरक्षण की पेशकश की जा रही है। अभी तक उत्तर प्रदेश और हरियाणा ने अपने यहां नौकरियों में अवसर देने का ऐलान किया है।