
#NewsBytesExplainer: अमेरिका छात्रों के वीजा क्यों कर रहा है रद्द और कितने भारतीयों पर हुई कार्रवाई?
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों के बाद अब विदेशी छात्रों पर सख्ती शुरू कर दी है। हाल के दिनों में अमेरिकी प्रशासन ने सैकड़ों विदेशी छात्रों का वीजा रद्द कर दिया है, इन्हें हिरासत में लिया है या अपने देश निर्वासित कर दिया है। जिन छात्रों पर कार्रवाई हुई है, उन्हें इसके पीछे की कोई ठोस वजह भी नहीं बताई गई है। इनमें कई भारतीय छात्र भी शामिल हैं।
आइए विवाद से जुड़ी हर बात जानते हैं।
संख्या
कितने छात्रों का वीजा रद्द किया गया है?
कितने छात्रों का वीजा रद्द हुआ है, इसका कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। मार्च के अंत में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि अनुमानित 300 छात्रों का वीजा रद्द किया गया है।
हालांकि, अमेरिकी आव्रजन वकील संघ का मानना है कि 4,700 से अधिक छात्रों को छात्र और विनिमय आगंतुक सूचना प्रणाली (SEVIS) से हटाया गया है।
वहीं, इनसाइड हायर एड के अनुसार, 17 अप्रैल तक 1,489 छात्रों का वीजा रद्द किया गया था।
भारतीय
कितने भारतीय छात्रों का वीजा रद्द हुआ है?
अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) ने कहा कि उसने वकीलों, छात्रों और विश्वविद्यालय कर्मियों की मदद से वीजा निरस्तीकरण और SEVIS को खत्म किए जाने के 327 मामले जुटाए हैं। इनमें आधे से ज्यादा भारतीय हैं और 14 प्रतिशत चीन के छात्र हैं।
इसके अलावा दक्षिण कोरिया, नेपाल और बांग्लादेशी छात्रों के नाम भी सूची में हैं।
नेशनल एसोसिएशन ऑफ फॉरेन स्टूडेंट एडवाइजर्स (NAFSA) का अनुमान है कि 17 अप्रैल तक लगभग 1,400 छात्रों को निर्वासित भी किया गया है।
वजह
किन वजहों से रद्द किए गए वीजा?
AILA ने कहा, "शिक्षा विभाग और इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) आक्रामक रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर निशाना साध रहे हैं। उनमें ऐसे छात्र भी शामिल हैं, जिनका विरोध का कोई इतिहास नहीं है।"
एक आव्रजन समूह से जुड़े मोहम्मद अली सैयद ने अल जजीरा से कहा, "ट्रैफिक नियम तोड़ने के चलते कुछ लोगों के वीजा रद्द किए गए हैं। कुछ मामलों में बिना किसी स्पष्ट कारण दिए बिना ही वीजा रद्द कर दिए गए हैं।"
प्रशासन
वीजा रद्द करने के पीछे प्रशासन ने क्या वजह बताई है?
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वह छात्रों के नाम पर कार्यकर्ताओं को विश्वविद्यालय परिसरों पर कब्जा करने से रोक रहा है।
रुबियो ने कहा था, "हम कार्यकर्ताओं को अमेरिका में आयात नहीं करने जा रहे हैं। वे यहां पढ़ाई करने के लिए हैं और कक्षाओं में जाने के लिए हैं। वे यहां ऐसे कार्यकर्ता आंदोलनों का नेतृत्व करने के लिए नहीं हैं, जो विघटनकारी हैं और हमारे विश्वविद्यालयों को कमजोर करते हैं।"
विश्वविद्यालय
कदम से कितने विश्वविद्यालय प्रभावित हुए हैं?
इनसाइड हायर एड के अनुसार, पूरे अमेरिका में 240 से अधिक विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्रों के वीजा रद्द किए गए हैं।
इनमें हार्वर्ड, कोलंबिया और स्टैनफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय भी शामिल हैं।
सरकार एक ऐप की मदद से ऐसे छात्रों की पहचान कर रही है, जो सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावना और हमास या फिलिस्तीन के समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं। इसके बाद इन छात्रों को मेल भेजकर वीजा रद्द होने की जानकारी दी जा रही है।
भारत
मामले पर भारत का क्या कहना है?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम मामले पर गौर कर रहे हैं। हमारे दूतावास और वाणिज्य दूतावास छात्रों को सहायता प्रदान करने के लिए उनके संपर्क में हैं।"
विदेश मंत्रालय ने भारतीय छात्रों से अमेरिका के स्थानीय कानूनों और वीजा नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी छात्रों को ऐसी गतिविधियों से बचने की सलाह दी है, जो उनकी वीजा स्थिति को खतरे में डाल सकती है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
ओपन डोर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 शैक्षणिक वर्ष में अमेरिका में कुल 10.10 लाख विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से 3.31 लाख भारतीय हैं। पिछले साल ये संख्या 2.68 लाख थी।
भारतीय छात्र अमेरिका में विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा समूह है।
अमेरिका पढ़ाई करने के लिए विदेशी छात्रों को F-1 वीजा जारी करता है, जिसे आमतौर पर अध्ययन और छात्र वीजा भी कहते हैं। करीब 90 प्रतिशत छात्र इसी वीजा से अमेरिका में पढ़ाई करते हैं।