
बांग्लादेश में हिंदू नेता भाबेश रॉय की हत्या, भारत बोला- ये अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित उत्पीड़न
क्या है खबर?
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है।
अब उत्तरी बांग्लादेश के दिनाजपुर में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय को घर से अगवा कर हत्या कर दी गई। भाबेश हिंदू समुदाय के प्रमुख नेता थे, जो बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष भी थे।
भारत ने घटना की निंदा करते हुए बांग्लादेश को कड़ी फटकार लगाई है।
मामला
क्या है मामला?
द डेली स्टार के मुताबिक, राजधानी ढाका से लगभग 330 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित दिनाजपुर के बसुदेवपुर गांव के निवासी भाबेश का शव 14 अप्रैल की रात को बरामद किया गया था।
भाबेश को मोटरसाइकिल पर आए लोगों ने घर से अगवा कर लिया था और पीट-पीटकर हत्या कर दी।
भाबेश की पत्नी शांतना ने द डेली स्टार से कहा कि अपराधियों ने भाबेश की मौजूदगी की पुष्टि करने के लिए शाम करीब 4:30 बजे फोन किया था।
पत्नी का बयान
मोटरसाइकिल पर आए युवकों ने किया अपहरण
शांतना ने कहा, "लगभग 30 मिनट बाद 2 मोटरसाइकिलों पर 4 लोग आए और भाबेश को अगवा कर लिया। उनको नाराबारी गांव ले जाया गया, जहां उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई।"
आरोपी बाद में भाबेश को एक वैन में डालकर बेहोशी की अवस्था में घर के बाहर छोड़कर चले गए। परिजन उन्हें तुरंत बिराल उपजिला स्वास्थ्य परिसर लेकर गए।
इसके बाद उन्हें दिनाजपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बयान
भारत बोला- बांग्लादेशी सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए
विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है, जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी दंड से बचकर घूमते हैं। हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना कोई बहाना बनाए या भेदभाव किए, हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को निभाए।"
कांग्रेस
कांग्रेस ने भी की हमले की निंदा
कांग्रेस ने भी भाबेश की हत्या की निंदा की है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 'एक्स' पर लिखा, 'यह कोई अकेली घटना नहीं है। पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की बार-बार और बेहद परेशान करने वाली घटनाएं हुई हैं, जिनमें हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने से लेकर अल्पसंख्यकों के घरों और व्यवसायों पर लक्षित हमले शामिल हैं। धमकी और क्रूरता के इस पैटर्न को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।"