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भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द, लेकिन डेयरी, मक्का और सोयाबीन उत्पादों पर फंसा पेंच
भारत और अमेरिका के बीच 48 घंटे में व्यापार समझौता हो सकता है

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द, लेकिन डेयरी, मक्का और सोयाबीन उत्पादों पर फंसा पेंच

लेखन आबिद खान
Jul 03, 2025
12:13 pm

क्या है खबर?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत अंतिम दौर में है। भारत को उम्मीद है कि अगले चंद दिनों में इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है। हालांकि, इसके बावजूद डेयरी उत्पादों, सोयाबीन, एथेनॉल समेत कुछ मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। भारत अपने किसानों को देखते हुए इन उत्पादों पर झुकने को तैयारी नहीं है, जिसे समझौते में देरी की वजह माना जा रहा है।

रिपोर्ट

भारत का रुख- कृषि और डेयरी उत्पाद 'लाल रेखा'

न्यूज18 ने शीर्ष सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत को उम्मीद है कि टैरिफ समझौते को एक या दो दिन में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वार्ता अंतिम चरण में है और सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है, लेकिन भारत किसानों के हितों को देखते हुए कोई रियायत नहीं देना चाहता है। भारत ने कहा है कि कृषि और डेयरी उत्पाद हमारी 'लाल रेखा' है।

डेयरी

डेयरी उत्पादों पर सबसे ज्यादा असहमति

भारत फिलहाल पनीर पर 30 प्रतिशत, मक्खन पर 40 प्रतिशत और दूध पाउडर पर 60 प्रतिशत टैरिफ लगाता है। भारत की सबसे बड़ी शर्त ये भी है कि सभी डेयरी उत्पाद ऐसे जानवरों से प्राप्त किए गए हों, जिन्हें पशुओं के आंतरिक अंगों या ऊतकों से उत्पादित भोजन नहीं खिलाया गया हो। अमेरिका इसी धार्मिक कारण बताता है, लेकिन भारत इस पर बिल्कुल झुकने को तैयार नहीं है। सबसे ज्यादा असहमतियां डेयरी उत्पादों पर हैं।

मक्का

मक्का को लेकर क्या हैं परेशानियां?

अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा मक्का उत्पादक और निर्यातक है। अमेरिका जेनेटिकली मोडिफाइड (GM) मक्का पैदा करता है, जिसे भारत में आयात की अनुमति नहीं है। भारत सालाना 0.5 मीट्रिक टन तक मक्का के आयात पर 15 प्रतिशत टैरिफ लगाता है। इससे ज्यादा आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगता है। अमेरिका का प्रस्ताव है कि वो इथेनॉल के निर्माण के लिए GM मक्का आयात में रियायत दे, लेकिन इससे गन्ना किसानों पर असर पड़ सकता है।

सोयाबीन

सोयाबीन को लेकर कहां फंसा पेंच?

अमेरिका सोयाबीन का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। भारत GM सोयाबीन तेल के आयात की अनुमति देता है, लेकिन तेल निकालने के बाद बचे हुए डी-ऑइल केक (DCO) के आयात पर प्रतिबंध है। अमेरिका इसमें भी रियायत चाहता है, लेकिन सोयाबीन भाजपा शासित राज्यों समेत लगभग 13 मिलियन हेक्टेयर में उगाया जाता है। इसके अलावा GM सोयाबीन की कीमत MSP से भी कम है। इस वजह से भारत यहां झुकने को राजी नहीं है।

बयान

ट्रंप ने कहा था- कम टैरिफ वाला समझौता करने जा रहे

हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी उम्मीद जताई थी कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचेगी। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, "अभी भारत किसी को भी स्वीकार नहीं करता, लेकिन लगता है कि भारत ऐसा करने जा रहा है और अगर वे ऐसा करते हैं, तो दोनों बहुत कम टैरिफ वाला समझौता करने जा रहे हैं। यह ऐसा समझौता होगा, जिसमें हम शामिल होकर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।"