सरकार ने जारी की आवश्यक दवाइयों की नई सूची, सस्ती दर पर होंगी उपलब्ध
सरकार ने बढ़ती बीमारियों को देखते हुए मंगलवार को आवश्यक दवाइयों की नई राष्ट्रीय सूची (NELM) जारी कर दी है। सबसे बड़ी बात यह है कि ये दवाइयां आम आदमी को बेहद सस्ती दर पर उपलब्ध होंगी। इसके लिए सरकार इन पर मूल्य सीमा भी निर्धारित करेगी। ऐसे में कंपनियां चाहकर भी इन आवश्यक दवाइयों की कीमत नहीं बढ़ा सकेंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने नई सूची जारी करते हुए यह जानकारी दी है।
क्या होती है NELM?
NELM में शामिल दवाइयां राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) द्वारा निर्धारित मूल्य सीमा से कम पर बेची जाती हैं। अनुसूचित दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति से जुड़ी होती है, जबकि गैर-अनुसूचित दवाओं के लिए कंपनियां हर साल 10 प्रतिशत तक कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं। बता दें कि नई NELM सूची में में 384 दवाइयां शामिल हैं और 1.6 लाख करोड़ के घरेलू फार्मा बाजार में इनकी 17-18 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
NELM तैयार करने की है लंबी प्रक्रिया- मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने NELM जारी करने के साथ कहा कि नई NELM अपडेट होकर आपके सामने आ गई है। इसे तैयार करने की एक लंबी प्रक्रिया होती है, तब जाकर किसी दवा को इसमें शामिल किया जाता है। इन दवाइयों का निर्धारण इंडिपेंडेंट कमेटी करती है। उन्होंने कहा कि 350 विशेषज्ञ और 140 बार विचार-विमर्श करने के बाद यह सूची तैयार हुई है। इसमें शामिल दवाइयां सुरक्षा, आसान खरीद और आसान पहुंच के हिसाब से हैं।
लोगों को सस्ती दर पर मिल सकेंगी NELM में शामिल दवाइयां- मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा कि NELM में शामिल दवाइयां लोगों को सस्ती दर पर मिल सकेंगी। इसके लिए NPPA इन दवाइयों का मूल्य निर्धारित करेगी। उसके बाद कंपनियां मनमानी से दाम नहीं बढ़ा सकेंगी। जल्द ही इन दवाइयों की नई कीमतें जारी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि NELM में शामिल दवाइयों में मधुमेह के लिए इंसुलिन ग्लार्गिन, टीबी के लिए डेलामैनिड जैसी और एंटीपैरासाइट के लिए आइवरमेक्टिन जैसे आवश्यक दवाइयां शामिल हैं।
नई सूची में शामिल की गई हैं 34 नई दवाइयां- प्रवीण
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण ने कहा कि यह बहुत अहम सूची है। यह प्राथमिक, सेकेंडरी और आपात सेवा के लिए काफी अहम है। नई सूची में 34 नई दवाइयां शामिल की गई है और 26 हटाई गई हैं। 27 को चिकित्सकीय श्रेणी में बांटा गया है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि इसी सूची में अधिसूचित दवाइयां ही शामिल हैं। ये दवाइयां जन स्वास्थ्य के मुद्दों पर आधारित हैं। लोग इन दवाइयों को आसानी से खरीद सकते हैं।
छह साल बाद संशोधित की गई है सूची
NLEM को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आवश्यक दवाओं की सूची (ELM) की तर्ज पर पहली बार 1996 में लॉन्च किया गया था। इसे हर तीन साल में संशोधित किया जाता है। पिछली बार यह सूची 2015 में जारी गई थी, लेकिन अब इसे छह साल बाद जारी किया गया है। सरकार ने देरी के लिए कोरोना महामारी को जिम्मेदार ठहराया है। ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव की अध्यक्षता में NLEM समिति ने नई सूची का प्रस्ताव तैयार किया था।