केंद्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर आने के क्या संभावित कारण बताए हैं?
केंद्र सरकार ने बताया है कि वायरस में म्यूटेशन या संवेदनशील आबादी के चपेट में आने के कारण भारत में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। शुक्रवार को एक लिखित के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा को तीसरी लहर के संभावित कारण बताते हुए यह भी कहा कि यह कोरोना प्रबंधन से जुड़े कई फार्मा और नॉन-फार्मा कारणों पर भी निर्भर करेगी। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
अगले महीने के अंत में तीसरी लहर आने की आशंका
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अनुमान लगाया है कि अगस्त के अंत तक देश में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है और यह दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी। ICMR ने यह भी कहा था कि पूरे देश में इसका असर देखने को मिलेगा। कई और विशेषज्ञ भी देश में तीसरी लहर आने की आशंका जता चुके हैं। हालांकि, समय को लेकर सबके अगस्त से दिसंबर के बीच अलग-अलग अनुमान है।
संक्रमण की गंभीरता से बचा रही वैक्सीनें- मांडविया
अपने लिखित जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा कि वैक्सीनेशन के जरिये कोरोना संक्रमण की गंभीरता से बचा जा सकता है औऱ इससे हर्ड इम्युनिटी प्राप्त करने के लक्ष्य में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान में इस्तेमाल की जा रहीं वैक्सीनें संक्रमण की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती होने और लोगों की मौतें होने से बचा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि कई और वैक्सीनों पर काम जारी है।
बच्चों पर तीसरी लहर के खतरे को लेकर क्या बोले मंत्री?
कई विशेषज्ञों ने चेताया है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक खतरनाक साबित हो सकती है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत या वैश्विक स्तर पर ऐसे कोई सबूत नहीं हैं, जिनके आधार पर यह बात कही जा सके कि कोरोना बच्चों को ज्यादा चपेट में ले रहा है, डेल्टा वेरिएंट के मामले में भी यही बात है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चे संक्रमित होते हैं तो वो गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ते।
राज्यों की मदद कर रही केंद्र सरकार
मांडविया ने कहा कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है और महामारी के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार उनकी बिस्तरों की संख्या बढ़ाने, पर्याप्त दवा, मेडिकल ऑक्सीजन और दूसरी चीजें मुहैया कराने में मदद कर रही है। उन्होंने जानकारी दी कि इस सहयोग के चलते अब देश में आइसोलेशन बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 18,21,845 और ICU बिस्तरों की संख्या 1,22,035 कर ली गई है। पिछले साल मार्च में इनकी संख्या क्रमश: 10,180 और 2,168 थी।
ऑक्सीजन की मांग पर नजर रखने के लिए नया सिस्टम
स्वास्थ्य मंत्री ने लोकसभा को बताया कि मेडिकल ऑक्सीजन की मांग पर नजर रखने के लिए डिजिटल सिस्टम तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अप्रैल-मई में 1.02 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर राज्यों को मुहैया कराए गए थे। इस साल अप्रैल में 1.27 लाख सिलेंडरों का ऑर्डर दिया गया था। इनकी डिलीवरी आनी शुरू हो गई है और 7 जुलाई तक 24,000 से अधिक सिलेंडर राज्यों को भेज दिए गए हैं। जल्द ही बाकी आपूर्ति होगी।
देश में क्या है संक्रमण की स्थिति?
पिछले कुछ हफ्तों से महामारी के कारण बने हालात सुधरे हैं और कोरोना मामलों में गिरावट दर्ज हो रही है। बीते दिन की बात करें तो भारत में कोरोना के 39,097 नए मामले सामने आए और 546 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,13,32,159 हो गई है। इनमें से 4,20,016 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। एक दिन की गिरावट के बाद सक्रिय मामलों की संख्या फिर बढ़कर 4,08,977 हो गई है।