दिल्ली में मंकीपॉक्स का चौथा मामला, नाइजीरिया की महिला को पाया गया संक्रमित
देश की राजधानी दिल्ली में एक और विदेशी नागरिक को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है। ये राजधानी में मंकीपॉक्स का कुल चौथा मामला है, वहीं देश में मामलों की संख्या नौ हो गई है। ताजा मामला एक 31 वर्षीय महिला में मिला है। उसे बुखार है और उसकी त्वचा पर छोटी-छोटी गांठें भी हो गई हैं। महिला लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उसने विदेश यात्रा की थी या नहीं।
सोमवार और मंगलवार को भी संक्रमित पाए गए थे दो विदेशी नागरिक
इससे पहले सोमवार और मंगलवार को दिल्ली में नाइजीरिया के एक-एक नागरिक को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया था। ये दोनों ही शहर के एक रेस्टोरेंट में काम करते थे। मंगलवार को संक्रमित पाया गया शख्स को कई सालों से दिल्ली में रह रहा था। दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला 22 जुलाई को सामने आया था और यह शख्स अब पूरी तरह से ठीक हो चुका है।
दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में बनाए गए मंकीपॉक्स के आइसोलेशन वार्ड
शहर में मंकीपॉक्स के मामलों के बीच दिल्ली सरकार ने सरकारी और निजी अस्पतालों में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाने के आदेश जारी किए हैं लोक नायक जयप्रकाश नारायरण (LNJP) अस्पताल में 20 और गुरू तेग बहादुर (GTB) अस्पताल, डॉ बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, कैलाश दीपक अस्पताल, एमडी सिटी अस्पताल और तुगलकाबाद के बत्रा अस्पताल में 10-10 आइसोलेशन कमरे बनाने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने कहा है कि वह मंकीपॉक्स से लड़ने के लिए तैयार है।
केंद्र सरकार ने भी गठित की है टास्क फोर्स
केंद्र सरकार ने भी मंकीपॉक्स के कारण देश में बनी स्थितियों पर नजर रखने के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी विभागों के सचिव भी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब मंकीपॉक्स के मामले सामने आने लगे तो भारत ने तैयारी शुरू कर दी थी और केरल में पहला मामला सामने आने से पहले गाइडलाइंस जारी कर दी गई थीं।
भारत में अब तक कहां-कहां सामने आए हैं मामले?
भारत में मंकीपॉक्स के अब तक नौ मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से चार मामले तो दिल्ली में हैं, वहीं बाकी पांच मामले केरल में पकड़ में आए हैं। केरल में मिले सभी संक्रमित संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे हैं। इनमें से एक संक्रमित ने शनिवार रात को उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। 14 जुलाई को केरल में मिला मंकीपॉक्स का पहला मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। यह बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ये सबसे पहले 1958 में बंदरों की एक बस्ती में मिला था और वहीं से इसे अपना नाम मिला है। यह धीरे-धीरे म्यूटेट होने वाला DNA वायरस है। इसके लक्षण दिखने में संक्रमित होने के बाद 5 से 21 दिनों तक का समय लग सकता है।