International Nurses Day: जानिए कब और कैसे हुई नर्स दिवस की शुरूआत और इसका महत्व

हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। यह दिवस मुख्य रूप से दुनियाभर की नर्सेज के सम्मान में मनाया जाता है क्योंकि नर्सेज अलग-अलग बीमारियों से लड़ने में पीड़ितों की मदद करती हैं। इसके अलावा यह दिन नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल को श्रद्धांजलि देने के लिए भी मनाया जाता है। आइए आपको इस दिवस के महत्व और इसके इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।
'नर्स दिवस' मनाने का पहला प्रस्ताव 1953 में अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी डोरोथी सदरलैंड ने रखा था जिसको अमेरिकी राष्ट्रपति डीडी आइजनहावर ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद (ICN) ने 1965 से इस दिवस को मनाना शुरू किया। 1974 में नर्सिंग पेशेवर की संस्थापक 'फ्लोरेंस नाइटइंगेल' के जन्म दिवस 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।
नर्सिंग को विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य पेशे के रूप में देखा जाता है। इस वजह से नर्सेज को शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक और सामाजिक स्तर जैसे सभी पहलुओं के माध्यम से रोगी की देखभाल करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित, शिक्षित और अनुभवी होना चाहिए। जब पेशेवर चिकित्सक दूसरे रोगियों को देखने में व्यस्त होते है, तब रोगियों की 24 घंटे देखभाल करने के लिए नर्सेज की सुलभता और उपलब्धता महत्वपूर्ण हैं।
वैसे तो ऐसे कई कारण हैं जो अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं लेकिन इनमें से ये कारण बहुत महत्वपूर्ण हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सेज के योगदान को सम्मानित करने के लिए। रोगियों के कल्याण के लिए नर्सेज को शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिए। नर्सेज से संबंधित विभिन्न मुद्दों के बारे में चर्चा करने के लिए। नर्सेज की मेहनत और समर्पण की सराहना करने के लिए।
भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण मंत्रालय ने नर्सेज के सराहनीय कार्यों और साहस को सम्मानित करने के लिए इस दिन 'राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार' देने की शुरुआत की थी। हर साल ये पुरस्कार फ्लोरेंस नाइटिंगल के जन्मदिन के अवसर पर नर्सेज को दिए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति के ये पुरस्कार प्रदान करते हैं। बता दें कि इस पुरस्कार में लगभग 50,000 रुपये नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है।