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चीन ने म्यांमार से सटी सीमा पर तैनात किया आधुनिक रडार, भारत पर बढ़ेगी निगरानी 
चीन ने म्यांमार सीमा पर आधुनिक रडार स्थापित किया है

चीन ने म्यांमार से सटी सीमा पर तैनात किया आधुनिक रडार, भारत पर बढ़ेगी निगरानी 

लेखन आबिद खान
Mar 09, 2025
12:10 pm

क्या है खबर?

चीन ने अपनी निगरानी क्षमता को बढ़ाते हुए म्यांमार सीमा के पास एक आधुनिक रडार प्रणाली स्थापित की है। आशंका है कि इससे चीन भारत के मिसाइल परीक्षणों पर नजर रख सकता है, क्योंकि इस प्रणाली की रेंज 5,000 किलोमीटर से भी अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने ये रडार युन्नान प्रांत में स्थापित किया है। ये एक लार्ज फेज्ड ऐरे रडार (LPAR) है, जो बड़े क्षेत्र को तुरंत स्कैन कर सकता है।

रडार

बेहद आधुनिक है रडार 

पारंपरिक रडार के विपरीत, LPAR इलेक्ट्रॉनिक रूप से नियंत्रित एंटेना से विशाल क्षेत्र पर निगरानी रख सकता है। ये बेहद सटीक तरीके से बैलिस्टिक मिसाइलों समेत कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकते हैं। चीन के अलावा केवल अमेरिका और रूस के पास ही LPAR प्रणाली है। चीन ने इसकी रेंज का खुलासा तो नहीं किया है, लेकिन इसे 5,000 किलोमीटर के करीब माना जा रहा है। ऐसे रडार प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों और वायु रक्षा नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वीडियो

सेना ने शी जिनपिंग को दिखाया था रडार का वीडियो

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की 30 जनवरी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सेना ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बीते साल के अंत में एक वीडियो भेज रडार को दिखाया था। सरकारी प्रसारक सीसीटीवी द्वारा जारी ये वीडियो चीनी नए साल के मौके पर जिनपिंग को दिखाया गया था। इसमें एक छह मंजिला ऊंची संरचना दिखाई देती है, जिसमें अष्टकोणीय आकार में दर्जनों एंटीना लगे हुए हैं।

भारत

भारत के लिए क्या है चिंता की बात?

ये रडार भारतीय क्षेत्र में भीतर तक निगरानी रख सकता है। खासतौर से ओडिशा के डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किए गए मिसाइल प्रक्षेपणों पर चीन इस रडार के जरिए नजर रख सकता है। भारत यहां से अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 और पनडुब्बी से प्रक्षेपित होने वाली K-4 मिसाइलों का परीक्षण करता है। इससे बंगाल की खाड़ी और मलक्का जलडमरूमध्य पर चीन की निगरानी भी बढ़ेगी, जो भारत के नौसैनिक संचालन के लिए महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र हैं।

LPAR

चीन के पास 7 LPAR केंद्र

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस LPAR को 'बेस 37' के नियंत्रण में रखा गया है, जिसका काम विदेशी अंतरिक्ष वस्तुओं पर नजर रखना है। यह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरोस्पेस फोर्स (PLAAF) का हिस्सा है। चीन फिलहाल ऐसे 7 LPAR केंद्र संचालित कर रहा है। 2022 में पूर्वी प्रांत शांदोंग में लगे 2 ऐसे ही रडारों का इस्तेमाल चीन ने उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और जापान से मिसाइल खतरों की निगरानी के लिए किया था।