अमेरिका: ट्रंप प्रशासन के साथ क्वाड की पहली बैठक में शामिल हुए जयशंकर, चीन को चेतावनी
क्या है खबर?
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया।
बैठक शपथ के एक दिन बाद वाशिंगटन डीसी में हुई। बैठक की मेजबानी अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने की। इसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री भी शामिल हुए।
बैठक में हिंद-प्रशांत की यथास्थिति को बदलने के खिलाफ चेतावनी दी गई, जो समुद्र में चीन की कार्रवाईयों को लेकर थी।
बयान
बैठक के बाद एस जयशंकर ने क्या कहा?
बैठक के बाद जयशंकर ने एक्स पर लिखा, 'यह महत्वपूर्ण है कि क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के कुछ घंटों के भीतर हुई। यह अपने सदस्य देशों की विदेश नीति में इसकी प्राथमिकता को बताता है। हमनें स्वतंत्र, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के विभिन्न आयामों को संबोधित किया। हमारे सहयोग को तेज करने पर सहमति हुई। अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में, क्वाड वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत बनी रहेगी।
बयान
क्वाड का आया संयुक्त बयान
बैठक के बाद क्वाड विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान में कहा, "हमारे 4 राष्ट्र इस बात पर दृढ़ हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानून, आर्थिक अवसर, शांति, स्थिरता और समुद्री समेत सभी क्षेत्रों में सुरक्षा हिंद-प्रशांत के लोगों के विकास और समृद्धि का आधार हैं। हम एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं, जो बल या जबरदस्ती से यथास्थिति को बदलने की कोशिश करे।"
जयशंकर ने रुबियो के साथ द्विपक्षीय बातचीत और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वाल्ट्ज से मुलाकात की।
समूह
क्या है क्वाड समूह?
क्वाड लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक समूह है, जिसका मौजूदा मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, शांति और स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है।
दिसंबर, 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी के बाद एक साझेदारी के तौर पर क्वाड की शुरूआत हुई थी। हालांकि, इसे औपचारिक रूप 2007 में तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने दिया था।
क्वाड का पहला आधिकारिक सम्मेलन मार्च, 2021 में हुआ था।
विरोध
क्वाड का विरोध करता है चीन
चीन क्वाड का विरोध करता है क्योंकि यह समूह दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य आक्रामकता से निपटता है, जिसके पूरे हिस्से पर बीजिंग अपना दावा करता है।
बैठक में हिंद-प्रशांत में बीजिंग की सैन्य और आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित जाता है। चीन का कहना है कि समूह उभरती एशियाई शक्ति को घेरने की अमेरिकी साजिश है।
ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालते ही क्वाड की पहली बैठक कई मायनों में खास है, जिसने चीन की चिंता बढ़ाई है।