संभव है कि भारत और चीन ने रूस को परमाणु हथियार इस्तेमाल करने से रोका- अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संभव है कि भारत और चीन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन पर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से रोका है। उन्होंने कहा कि अगर भारत और चीन ऐसा नहीं करते तो हो सकता युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस यूक्रेन पर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर चुका होता। ब्लिंकन ने समाचार एंजेसी द अटलांटिक को दिए एक इंटरव्यू में ये बात कही।
भारत-चीन के आग्रह का रूस पर असर हुआ- ब्लिंकन
ब्लिंकन ने कहा, "मॉस्को की ओर से जो बयान आ रहे थे, वो इशारा कर रहे थे कि पुतिन यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमारे लिए ये एक गंभीर चिंता का विषय था।" उन्होंने आगे कहा, "हमने ऐसे देशों से आग्रह किया, जो रूस पर थोड़ा ज्यादा प्रभाव डाल सकते थे। भारत और चीन उनमें से हैं। मुझे लगता है कि इन दोनों देशों ने हमारे आग्रह को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया।"
भारत-अमेरिका के संबंधों पर भी बोले ब्लिंकन
ब्लिंकन ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर भी बात की। उन्होंने कहा, "भारत और रूस के बीच लंबे समय से संबंध रहे हैं, लेकिन अब भारत और अमेरिका के बीच भी चीजें अनुकूल रूप से आगे बढ़ रही है।" ब्लिंकन ने आगे कहा, "रूस दशकों से भारत को सैन्य उपकरण प्रदान करता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में हमने देखा है कि अब भारत अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों से साझेदारी कर रहा है।"
G-20 सम्मेलन के लिए भारत आ रहे हैं ब्लिंकन
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन G-20 में होने वाली विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए 1 मार्च को भारत आ रहे हैं। इस दौरान वे भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिलेंगे। इसके अलावा वे QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे। ब्लिंकन का भारत दौरा 3 मार्च तक चलेगा। उनके इस बयान को भारत दौरे से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
UN में रूस-यूक्रेन से जुड़े प्रस्ताव पर भारत रहा था अनुपस्थित
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में यूक्रेन से रूसी सेनाओं की वापसी पर 23 फरवरी को प्रस्ताव पेश किया गया था। भारत और चीन समेत 32 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। 193 देशों वाली UNGA में 141 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 7 देशों ने इसका विरोध किया। प्रस्ताव में रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से जारी युद्ध को खत्म करने पर जोर दिया गया था।