शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार बने चीन के राष्ट्रपति, संसद ने दी मंजूरी
शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बन गए हैं। हालांकि, यह उम्मीद पहले से ही जताई जा रही थी कि जिनपिंग इस पद पर बने रहेंगे। इसके अलावा उन्हें एक बार फिर केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) का अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिया गया है। उन्हें तीसरी बार राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव 2,977 वोटों से पास हुआ। बता दें, जिनपिंग साल 2013 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे। आइये पूरी खबर जानते हैं।
जिनपिंग ने बदला था राष्ट्रपति कार्यकाल को लेकर नियम
शी जिनपिंग साल 2013 में पहली बार चीन की सत्ता में आए थे। इससे पहले चीन में कोई शख्स पांच साल के दो कार्यकाल या अधिकतम 68 साल की उम्र तक ही राष्ट्रपति बना रह सकता था। 2018 में जिनपिंग ने राष्ट्रपति पद के लिए अधिकतम दो कार्यकाल और उम्र का नियम खत्म कर दिया। यही वजह है कि वे 69 साल के होने और दो कार्यकाल पूरे कर लेने के बाद भी तीसरी बार राष्ट्रपति चुने गए।
जिनपिंग के सामने होंगी ये चुनौतियां
अक्टूबर में एक बार फिर पांच साल के लिए पार्टी के प्रमुख बनने के बाद जिनपिंग को जीरो-कोविड नीति के चलते भारी विरोधों का सामना करना पड़ा था। हालांकि, ये प्रदर्शन तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की उनकी राह में रोड़ा नहीं बन सके। इस कार्यकाल में जिनपिंग के सामने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की धीमी होती विकास, मुश्किल में फंसा रियल एस्टेट सेक्टर और गिरती जन्म दर जैसी चुनौतियां आएंगी।
जिनपिंग ने हाल ही में बढ़ाया था सैन्य बजट
शी जिनपिंग ने हाल ही में चीन के सैन्य बजट में 7.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। बजट में बताया गया था कि चीन अपनी सेना पर 2023 में 18 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगा। ये भारत के सैन्य बजट से करीब 3 गुना ज्यादा है। पिछले 10 सालों में चीन का सैन्य बजट लगभग दोगुना हो गया है। सेना पर सबसे ज्यादा पैसे खर्च करने के मामले में अमेरिका के बाद चीन दूसरे नंबर पर है।
आजीवन सत्ता में बने रह सकते हैं जिनपिंग
चीन में सत्ता के तीन केंद्र हैं- चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, केंद्रीय सैन्य आयोग और राष्ट्रपति। जिनपिंग इन तीनों केंद्रों में शीर्ष पर पर काबिज है। उन्होंने राष्ट्रपति बने रहने की अधिकतम उम्र और कार्यकाल की सीमा को पहले ही खत्म कर दिया है।
कौन हैं शी जिनपिंग?
15 जून 1953 को जन्मे शी जिनपिंग के पिता भी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हुए थे। 1974 में एक आम कार्यकर्ता से राजनीति में अपना सफर शुरू कर जिनपिंग 2012 में पार्टी के महासचिव चुने गए। उनसे पहले ये पद सिर्फ तीन लोगों को मिला था। 2021 में जिनपिंग 100 साल के इतिहास में कम्युनिस्ट पार्टी का तीसरा संकल्प पत्र लेकर आए। इसमें चीन को नए दौर में शक्तिशाली बनाने की बात की गई।