क्या है ओडिशा की 'सुभद्रा' योजना, जिसका प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जन्मदिन पर किया शुभारंभ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (17 सितंबर) को अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह आज ओडिशा के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने राज्य की महिलाओं के लिए भाजपा की महत्वाकांक्षी 'सुभद्रा' योजना सहित अन्य पहलों का शुभारंभ किया। इस योजना के प्रचार के लिए सभी सरकारी मंत्रालयों को सभी आधिकारिक संचार और सोशल मीडिया हैंडल पर योजना के लोगों का उपयोग करने के आदेश दिए गए हैं। आइए जानते हैं क्या है यह योजना और कैसे काम करेगी।
ओडिशा की 'सुभद्रा' योजना क्या है?
'सुभद्रा' योजना ओडिशा की महिलाओं के लिए एक वित्तीय सहायता है, जो उनकी आर्थिक स्वतंत्रता और समग्र कल्याण सुनिश्चित करेगी। इस योजना का नाम भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन देवी सुभद्रा के नाम पर रखा गया है। बता दें कि सुभद्रा और उनके बड़े भाई बलभद्र के साथ देवताओं की तिकड़ी के हिस्से के रूप में चित्रित भगवान जगन्नाथ को 90 प्रतिशत हिंदू राज्य में बहुत सम्मान दिया जाता है। ओडिया में इसका खास महत्व है।
योजना में महिलाओं को क्या मिलेगा लाभ?
सरकार की इस योजना में साल 2028-2029 तक 5 वर्षों की अवधि में राज्य की एक करोड़ से अधिक महिलाओं को हर साल 10,000 रुपये प्रदान की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि 5,000 रुपये की 2 किस्तों में महिलाओं के बैंक खातों में जमा कराई जाएगी। पहली किस्त हर साल राखी पूर्णिमा (रक्षाबंधन, जो आमतौर पर अगस्त में पड़ता है) और दूसरी किस्त अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर जमा कराई जाएगी।
60 लाख महिलाएं करा चुकी हैं पंजीयन
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना के लिए अब तक 60 लाख से अधिक महिलाएं पंजीकरण करा चुकी हैं। जिन महिलाओं ने 15 सितंबर या उससे पहले पंजीकरण कराया है, उन्हें मंगलवार को 5,000 रुपये की पहली किस्त जारी की जाएगी।
महिलाओं को कैसे मिलेगा योजना का लाभ?
योजना के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता सीधे लाभार्थी के एकल-धारक बैंक खाते में जमा कराई जाएगी, जो आधार से जुड़ा होगा। सरकारी आदेश के कारण इस योजना के लिए E-KYC की भी आवश्यकता होगी। लाभार्थी महिलाओं को एक सुभद्रा डेबिट कार्ड भी दिया जाएगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी निकाय क्षेत्र में सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन करने वाली 100 महिलाओं को सरकार की ओर से 500 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
क्या है योजना के लिए पात्रता?
योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक का ओडिशा का मूल निवासी होना जरूरी है और उसकी आयु 21 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यह योजना धनी परिवारों की महिलाओं, सरकारी कर्मचारियों या आयकर देने वाली महिलाओं के लिए उपलब्ध नहीं होगी। इसी प्रकार, अन्य सरकारी कार्यक्रम से हर महीने कम से कम 1,500 रुपये या 18,000 रुपये सालाना की सहायता प्राप्त करने वाली महिलाएं भी इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगी।
योजना का लिए कहां से आएगा बजट?
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सरकार ने 5 साल के कार्यक्रम के लिए 55,825 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो 2024-2025 से 2028-2029 तक काम में लिए जाएंगे। चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए इस योजना के लिए कुल 10,000 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है। राज्य वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सरकार इस पहल पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी और इसके लिए कोई भी वित्तीय प्रतिबंध नहीं होगा।
कैसे किया जा रहा है योजना का प्रचार?
सरकार ने इस योजना के प्रचार के लिए सुभद्रा योजना जागरूकता रथ चलाया है। इसकी शुरुआत शनिवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की थी। उस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि सुभद्रा योजना पूरे राज्य में महिलाओं को सशक्त बनाएगी। इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री पार्वती परिदा भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी और उन्हें तथा उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करेगी।
अन्य महिला योजनाओं की तुलना में कैसी है सुभद्रा योजना?
सुभद्रा योजना की तरह महाराष्ट्र में 'मुख्यमंत्री लड़की बहिन' योजना, मध्य प्रदेश में 'लाडली बहना' योजना और उत्तर प्रदेश में 'मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला' योजना शामिल हैं। लाडली बहना की शुरुआत में लाभार्थियों को हर महीने 1,000 रुपये मिलते थे, जिसे बढ़ाकर 1,250 कर दिया है। लड़की बहन योजना में हर महीने 1,500 रुपए और मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में बालिकाओं की शिक्षा और कल्याण के लिए मासिक किस्तों में 15,000 रुपये दिए जाते हैं।