सीमा पर सैन्य विस्तार से बढ़ रहा भारत-चीन के बीच टकराव का खतरा- अमेरिकी रिपोर्ट
क्या है खबर?
एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर सैन्य विवाद से नए संघर्ष का खतरा बढ़ रहा है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि दोनों देशों के बीच संबंध 2020 में गलवान में हुई हिंसक झड़प को देखते हुए तनावपूर्ण बने रहेंगे और इससे अमेरिकी हितों पर सीधा खतरा पैदा हो सकता है।
ये रिपोर्ट अमेरिका के खुफिया विभाग की ओर से जारी की गई है।
भारत-चीन
रिपोर्ट में दावा- तनावपूर्ण बने रहेंगे भारत और चीन के संबंध
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के रिश्ते साल 2020 में हुई कई दशकों की सबसे गंभीर और घातक झड़प को देखते हुए तनावपूर्ण बने रहेंगे और यह माहौल दोनों देशों द्वारा सीमा वार्ता में जुटे रहने और सीमा विवाद को हल करने की कोशिशों के बावजूद बना रहेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन द्वारा सीमा के विवादित हिस्से में सैन्य गतिविधियां बढ़ाने से दोनों परमाणु ताकतों के बीच सशस्त्र टकराव का जोखिम बढ़ रहा है।
अमेरिका
भारत-चीन तनाव में अमेरिकी हस्तक्षेप जरूरी- रिपोर्ट
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव से अमेरिकी हितों के लिए सीधा खतरा उत्पन्न हो सकता है, इसलिए इस मामले में अमेरिका का हस्तक्षेप जरूरी हो जाता है।
इसके अनुसार, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पहले हुए छोटे संघर्षों ने ये साबित किया है कि ये तनाव तेजी से बढ़ सकता है।
बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर कमांडर लेवल की कई बैठकें हो चुकी हैं।
निर्देश
LAC पर तैनात सैनिकों के लिए भारत ने जारी किए थे दिशा-निर्देश
हाल ही में भारतीय सैन्य खुफिया एजेंसियों ने LAC पर तैनात भारतीय सैनिकों को 11 चीनी मोबाइल कंपनियों के फोन इस्तेमाल नहीं करने का अनुरोध किया था। इस लिस्ट में बड़ी चीनी मोबाइल कंपनियों के नाम भी शामिल थे।
दिशा-निर्देशों में सैन्य व्यक्तियों और उनके परिवारों को भारत के लिए शत्रुतापूर्ण रवैया रखने वाले देशों में बने मोबाइल फोन को खरीदने या इस्तेमाल करने से बचने को कहा गया था।
गलवान
गलवान हिंसा के बाद से तनावपूर्ण हैं भारत-चीन संबंध
चीनी और भारतीय सेना के बीच गलवान में जून, 2020 में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस संघर्ष में चीन को भी भारी नुकसान हुआ था।
इसके बाद से ही सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। इसे सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई और सेनाओं के कुछ विवादित क्षेत्रों से पीछे हटाने पर सहमति भी बनी।