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#NewsBytesExplainer: क्या जेल से सरकार चला सकते हैं अरविंद केजरीवाल, क्या कहता है कानून?
AAP का कहना है कि केजरीवाल ही दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे

#NewsBytesExplainer: क्या जेल से सरकार चला सकते हैं अरविंद केजरीवाल, क्या कहता है कानून?

लेखन आबिद खान
Mar 22, 2024
02:34 pm

क्या है खबर?

शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। 21 मार्च की रात करीब 2 घंटे पूछताछ के बाद ED ने ये कार्रवाई की। आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा है कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे। आइए जानते हैं कि क्या ऐसा संभव है और इस संबंध में कानून क्या कहता है।

AAP

केजरीवाल के मुख्यमंत्री बने रहने पर AAP ने क्या कहा?

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा, "गिरफ्तारी के बाद भी अरविंद केजरीवाल ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे। चाहे जेल से सरकार चलानी पड़ी तो चलाएंगे।" मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा तय किया गया है कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री रहेंगे। भाजपा चाहती है कि हर कोई जेल में हो, लेकिन अरविंद केजरीवाल ऐसा नहीं होने देंगे। जेल में रहकर ही सरकार चलाएंगे।"

कानून

क्या कहता है कानून?

संविधान में ऐसी स्थिति को लेकर कुछ स्पष्ट प्रावधान नहीं हैं। ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि मुख्यमंत्री को गिरफ्तार होने पर पद से इस्तीफा देना होगा। ऐसा भी कोई कानून नहीं है, जो किसी मुख्यमंत्री को जेल से सरकार चलाने से रोकता हो। नियमों के अनुसार, दोषी साबित होने से पहले कोई भी नेता जेल में रहते हुए मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक बने रह सकता है और सरकार भी चला सकता है।

विशेषज्ञ

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण ने दैनिक जागरण से कहा, "केजरीवाल को ED ने गिरफ्तार किया है। अगर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है तो यह सीधे तौर पर कोर्ट पर निर्भर होगा कि वह उन्हें मुख्यमंत्री पद के दायित्व का निर्वहन करने देता है या नहीं। इसे लेकर संवैधानिक नियम-कायदे जैसी कोई बात नहीं है। हालांकि, अभी तक ऐसा मामला सामने नहीं आया है, जब किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री ने जेल में रहकर सरकार चलाई हो।"

सरकार

जेल से सरकार चलाना कितना मुश्किल होगा?

मुख्यमंत्री कैबिनेट की बैठक, विभागों के कामकाज और फाइलों पर हस्ताक्षर जैसे कई अहम काम करते हैं। जेल में रहते हुए ये सारी चीजें संभव नहीं हैं। केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुछ कामों को कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए भी जेल प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। जेल नियमावली में जेल से सरकार चलाने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में केजरीवाल के लिए जेल से सरकार चलाना व्यवहारिक तौर पर बेहद मुश्किल होगा।

नजरबंदी

नजरबंदी में रहकर मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं केजरीवाल?

तिहाड़ जेल के पूर्व अधिकारी ने NDTV से कहा, "किसी जगह को अस्थायी जेल बनाकर केजरीवाल को वहां नजरबंद रखा जा सकता है। इससे केजरीवाल को सरकार के कामकाज का हिस्सा बनने में आसानी होगी। हालांकि, इसका अधिकार उपराज्यपाल के पास होता है कि वो किसी जगह को जेल घोषित कर सकते हैं। सुब्रतो राय सहारा के मामले में ऐसा हो चुका है कि कोर्ट परिसर को ही जेल घोषित कर दिया गया था।"

उपराज्यपाल

क्या होगी उपराज्यपाल की भूमिका?

चूंकि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए केजरीवाल के मामले में उपराज्यपाल की भूमिका पर भी नजर होगी। उपराज्यपाल अनुच्छेद 239AB के तहत संवैधानिक मशीनरी की विफलता को वजह बताते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं। इसके बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे और राष्ट्रपति शासन के जरिए दिल्ली पर केंद्र सरकार का नियंत्रण हो जाएगा। केजरीवाल और उपराज्यपाल के बीच तनातनी को देखते हुए उपराज्यपाल का ऐसा करना संभव माना जा रहा है।

मामले

पहले कभी सामने आया है ऐसा मामला?

पहले कभी भी इस तरह का मामला सामने नहीं आया, जब किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री ने जेल में रहकर सरकार चलाई हो। हालांकि, जयललिता और लालू प्रसाद यादव समेत कई मुख्यमंत्री अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार जरूर हुए हैं, लेकिन उन्होंने गिरफ्तारी से पहले पद से इस्तीफा दे दिया था। हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ED ने गिरफ्तार किया था, लेकिन इससे पहले ही सोरेन ने इस्तीफा दे दिया था और बाद में चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने।