#NewsBytesExplainer: टीवी धारावाहिक से कैसे पैसे कमाते हैं चैनल और निर्माता? जानिए कमाई का बड़ा जरिया
फिल्मों की तरह ही दर्शकों में टीवी धारावाहिकाें को लेकर भी एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है और कुछ तो टीवी शो से इतने जुड़ जाते हैं कि वे अपने सारे काम-धाम छोड़ टीवी स्क्रीन के आगे बैठ जाते हैं। खैर, ये तो हो टीवी कार्यक्रमों को लेकर दीवानगी की बात, लेकिन क्या कभी जहन में यह आया कि निर्माताओं और चैनलवालों की कमाई कैसे होती है? आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
चैनल को शो बेचता है निर्माता
किसी भी धारावाहिक को एक प्रोडक्शन हाउस बनाता है और फिर वो उस शो को चैनल को बेचता है। चैनल इसके लिए प्रोडक्शन हाउस को पैसे देता है। कमाई का सीधा संबंध TRP यानी टेलीविजन रेटिंग पॉइंट होता है। अगर TRP अच्छी है तो कमाई अच्छी होगी और अगर TRP कम है तो कमाई भी सीधे तौर पर प्रभावित होगी। कई धारावाहिक कम TRP के चलते शुरू होते ही बंद हो जाते हैं, क्योंकि उनसे चैनल को घाटा होता है।
चैनल और प्रोडक्शन हाउस के बीच होता है सौदा
जब चैनल को प्रोडक्शन हाउस अपना शो बेचता है तो उनके बीच एक सौदा होता है। आधे घंटे यानी 30 मिनट के धारावाहिक में 15 मिनट का स्लॉट विज्ञापनों के लिए रखा जाता है। इन विज्ञापनों का रेट चैनल तय करता है, जो प्रति सेकंड के हिसाब से होता है। पिछले हफ्ते की बात करें तो रूपाली गांगुली का शो 'अनुपमा' TRP की रेस में सबसे ऊपर रहा। मतलब यह कि सबसे ज्यादा कमाई इस धारावाहिक की हुई होगी।
समय के हिसाब से तय होता है विज्ञापन का रेट
टीवी चैनल की कमाई तय नहीं होती है, क्योंकि उनकी कमाई मुख्य रूप से विज्ञापन के जरिए होती है और विज्ञापन का रेट समय के हिसाब से कम, ज्यादा होता है। जैसे सुबह के समय 7 से 10 के बीच लोग धारावाहिक बहुत कम लोग देखते हैं। लिहाजा इस समय धारावाहिक वाले चैनल में विज्ञापन का रेट कम होगा, जबकि सुबह न्यूज चैनल सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। ऐसे में उनमें विज्ञापन का रेट काफी ज्यादा होता है।
लाखों-करोड़ों तक होती है टीवी चैनल की 1 दिन की कमाई
कलर्स, सोनी, स्टार प्लस, ZEE TV, लाइफ ओके और न्यूज चैनल में आज तक इंडिया टुडे, इंडिया टीवी, जी न्यूज़, ABP, न्यूज आदि की TRP सबसे अधिक है। अगर किसी कंपनी को इन चैनलों पर विज्ञापन दिखाना है तो 10 सेकेंड के विज्ञापन में उसे 3 से 4 लाख रुपये देने पड़ सकते हैं। उधर क्रिकेट मैच के लाइव प्रसारण के बीच 10 सेकेंड का विज्ञापन दिखाने के लिए 10 से 15 लाख रुपये तक का भुगतान करना होता है।
OTT और DTH सब्सक्रिप्शन से भी होती है कमाई
टीवी धारावाहिक OTT के जरिए भी पैसे कमाते हैं। निर्माता यूट्यूब पर भी अपना शो अपलोड करते हैं। लिहाजा यहां से भी प्रोडक्शन हाउस की बढ़िया कमाई हो जाती है। स्टार प्लस और ZEE TV के लाखों-करोड़ों सब्सक्राइर्ब्स यूट्यूब पर शो के ज्यादातर एपिसोड देखते हैं। टीवी धारावाहिक DTH सब्सक्रिप्शन से भी कमाते हैं। दरअसल कई निजी DTH सेवा प्रदाता सब्सक्रिप्शन से होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा चैनल के साथ साझा करते हैं। चैनल इसे निर्माताओं संग बांटता है।