चंद्रभेदी: जानिए इस प्राणायाम के अभ्यास का तरीका, फायदे और अन्य महत्वपूर्ण बातें
चंद्रभेदी बहुत ही सरल और स्वास्थ्यवर्धक प्राणायाम है क्योंकि इसके माध्यम से कुछ ही मिनटों में शरीर को आराम और शांत किया जा सकता है। वहीं, इसके अभ्यास से शरीर के अंदर नई ऊर्जा का संचार होता है और कई गंभीर रोगों से शरीर को बचाने में मदद मिलती है। बता दें कि यह सूर्यभेदी प्राणायाम के ठीक विपरीत कार्य करता है। चलिए आज आपको इस प्राणायाम के अभ्यास का तरीका और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
चंद्रभेदी प्राणायाम के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने बाएं हाथ को ज्ञान मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें और दाएं हाथ के उंगूठे से नाक के दाएं छेद को बंद करें। इसके बाद नाक के बाएं छेद से लंबी सांस भरकर उंगुलियों से नाक के बाएं छेद को बंद करें। अब अपनी क्षमतानुसार सांस को अंदर ही रोकें, फिर धीरे-धीरे नाक के दाएं छेद से सांस छोड़े। ऐसा कुछ मिनट करने के बाद प्राणायाम छोड़ दें।
चंद्रभेदी प्राणायाम के अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
चंद्रभेदी प्राणायाम के अभ्यास का समय सर्दियों में कम रखें और बारिश और गर्मियों में बढ़ा दें क्योंकि यह प्राणायाम ठंडक देने और उमस दूर करने में मदद करता है। अस्थमा और लो ब्लड प्रेशर के मरीज इस प्राणायाम का अभ्यास न करें। इस प्राणायाम का अभ्यास करते समय नाक से ही सांस लें और मुंह से सांस लेने का प्रयास न करें। गंभीर रोग से जूझने वाले लोग डॉक्टरी सलाह के बाद ही इस आसन का अभ्यास करें।
चंद्रभेदी प्राणायाम के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
यह प्राणायाम शरीर की समस्त नाड़ियों का शुद्धिकरण करता है, जिससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बेहतर तरीके से होता है। यह प्राणायाम मन और शरीर के तनाव को प्रभावी ढंग से दूर करके आराम देने में भी मदद करता है। इस प्राणायाम से पूरे शरीर को सही मात्रा ऑक्सीजन पहुंचती है। यह प्राणायम हाई ब्लड प्रेशर और हृदय के रोगियों के लिए लाभदायक है। इस प्राणायाम से मस्तिष्क के कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।
प्राणायाम के अभ्यास से जुड़ी खास टिप्स
अगर आप पहली बार इस प्राणायाम का अभ्यास कर रहे हैं तो इसके दौरान सांस लेने और छोड़ने में अधिक जोर न लगाएं और कम समय में अभ्यास को पूर्ण करें। धीरे-धीरे अभ्यास के समय को बढ़ाएं। इस बात पर खास ध्यान दें कि चंद्रभेदी प्राणायाम करने के स्टेप सही हों क्योंकि अभ्यास के दौरान थोड़ी सी भी गलती समस्या का कारण बन सकती है। इस प्राणायाम का अभ्यास खाली पेट और ढीले कपड़े पहनकर करें।