क्या होता है नरसंहार और इसे साबित करने की क्या है प्रक्रिया?
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की गुरुवार को 50वें दिन भी जारी है। युद्ध के कारण अब तक हजारों लोगों की मौत हो गई और लाखों दूसरे देशों में पलायन कर गए। इस बीच यूक्रेन के बुका शहर में 410 लोगों के शव मिलने के बाद यूक्रेन और अमेरिका ने रूस पर नरसंहार का आरोप लगाया है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर क्या होता है नरसंहार और इसे कैसे साबित किया जा सकता है।
क्या होता है नरसंहार?
बता दें दूसरे विश्व युद्ध के बाद साल 1948 में नरसंहार को युद्ध अपराध के सबसे गंभीर अपराध के रूप में परिभाषित किया गया था। इसमें बिना किसी कारण, निजी स्वार्थ के लिए या युद्ध के दौरान बहुत सारे लोगों की सामूहिक हत्या करना शामिल है। संयुक्त राष्ट्र (UN) की संधि के अनुसार, किसी भी देश, नस्ल, जाति या धार्मिक समूह को आंशिक या पूर्ण रूप से खत्म करने के लिए उठाया गया कदम नरसंहार की श्रेणी में आता है।
नरसंहार में इन्हें भी किया गया है शामिल
नरसंहार में शामिल आपराधिक कृत्यों में किसी एक समूह के सदस्यों को मारना, उन्हें गंभीर शारीरिक या मानसिक नुकसान पहुंचाना, बच्चों जन्म को रोकना या बच्चों को जबरन अन्य समूहों में स्थानांतरित करना भी शामिल है। यह बेहद गंभीर अपराध है।
नरसंहार के अब तक कितने मामले सामने आए?
दुनियाभर में अब तक तीन नरसंहार के मामले ही अंतरराष्ट्रीय अदालतों में पहुंच पाए हैं। इनमें पहला मामला कंबोडियन खमेर रूज द्वारा 1970 के दशक में 17 लाख अल्पसंख्यक चाम और वियतनामी लोगों की हत्या करने का था। इसी तरह दूसरा मामला 1994 में रवांडा में तुत्सिस की सामूहिक हत्या से जुड़ा था, जिसमें आठ लाख लोग मारे गए थे और तीसरा मामला 1995 में बोस्निया में करीब 8,000 मुस्लिम पुरुषों और लड़कों का सेरेब्रेनिका नरसंहार का था।
कैसे साबित किया जा सकता है नरसंहार?
नरसंहार को साबित करने के लिए अभियोजकों को पहले यह सिद्ध करना होता है कि पीड़ित एक अलग राष्ट्रीय, जातीय, नस्लीय या धार्मिक समूह का हिस्सा थे। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध की तुलना में नरसंहार को साबित करना बहुत मुश्किल है। इसका मुख्य कारण यह है कि इसके लिए विशिष्ट इरादे के प्रमाण की आवश्यकता होती है। ऐसे में किसी के इरादे को सिद्ध करना बहुत ही मुश्किल माना जाता है।
"नरसंहार साबित करने के लिए है बहुत अधिक सबूतों की जरूरत"
नरसंहार स्कॉलर के अंतरराष्ट्रीय संघ के अध्यक्ष मेलानी ओ'ब्रायन ने कहा, "किसी भी देश नरसंहार साबित करना कठिन काम है। इसके लिए बहुत सारे सबूत जुटाने पड़ते हैं। नरसंहार करने वाले का इरादा एक संरक्षित समूह को निशाना बनाना था इसे साबित करना पड़ता है।" बता दें कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने फरवरी में यूक्रेन में कथित युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच शुरू की है। नरसंहार पर भी इसके अधिकार क्षेत्र में आता है।
रूस से हासिल किए गए क्षेत्र में मिले थे शव
गत दिनों ने यूक्रेन की सेना ने रूसी सेना से पूरे कीव क्षेत्र पर नियंत्रण वापस ले लिया था। इनमें इरपिन, बुका, गोस्टोमेल समेत अन्य क्षेत्र शामिल थे। उस दौरान कीव से 37 किमी (23 मील) उत्तर-पश्चिम की ओर बुका शहर की सड़कों पर सैकड़ों शव पड़े हुए देखे गए थे। वहीं एक चर्च में सामूहिक कब्र भी थी और उसकी मिट्टी लाल थी। इसको लेकर अमेरिका और यूक्रेन ने रूस पर जानबूझकर नरसंहार करने का आरोप लगाया था।
किस नेता ने क्या आरोप लगाए?
शव मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था, "हां, मैंने इसे नरसंहार कहा, क्योंकि यह स्पष्ट हो गया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सिर्फ यूक्रेनी होने में सक्षम होने के विचार को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं और नरसंहार के सबूत बढ़ रहे हैं।" ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि अत्याचारों का पैमाना नरसंहार से ज्यादा कम नहीं है। इसी तरह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने भी नरसंहार का आरोप लगाया था।
नरसंहार के पुराने मामलों में क्या रही थी स्थिति?
रवांडा नरसंहार के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण ने 1998 में दर्जनों वरिष्ठ अधिकारियों को तुत्सिस के नरसंहार के लिए दोषी ठहराया था। इनमें रवांडा के पूर्व मेयर जीन-पॉल अकायेसु भी शामिल थे। इसी तरह 2018 में UN-कंबोडियन ट्रिब्यूनल ने कंबोडिया के खमेर रूज के दो नेताओं को नरसंहार के दोषी ठहराया था। इसके अलावा 1990 के बाल्कन युद्धों के दौरान सेरेब्रेनिका हत्याओं के लिए बोस्नियाई सैन्य कमांडर रत्को म्लादिक और बोस्नियाई नेता रादोवन कराडजिक को दोषी ठहराया था।