यूक्रेन पर बैठक करने को तैयार हुए बाइडन और पुतिन, लेकिन अमेरिका ने रखी एक शर्त
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन को लेकर बैठक करने को तैयार हो गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ फोन पर बातचीत के बाद दोनों नेता इस संबंध में एक शिखर सम्मेलन करने को राजी हुए। हालांकि अमेरिका ने इसके लिए एक शर्त रखी है और कहा है कि सम्मेलन तभी होगा जब रूस यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा। अगर ये बैठक सफल रहती है तो यूक्रेन संकट टल सकता है।
मैक्रों ने पुतिन और बाइडन से की अलग-अलग बातचीत
फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, राष्ट्रपति मैक्रों ने रविवार को पुतिन और बाइडन दोनों के साथ फोन पर अलग-अलग बातचीत की। पहले उन्होंने पुतिन से बात की जो लगभग 105 मिनट चली और इसमें दोनों नेता तनाव को कम करने पर सहमत हुए। इसके बाद मैक्रों ने बाइडन से बात की और फिर पुतिन और बाइडन के बीच सम्मेलन का ऐलान किया गया। कार्यालय ने कहा कि दोनों नेता सम्मेलन के लिए सैद्धांतिक तौर पर तैयार हो गए हैं।
एजेंडा तय करने के लिए गुरूवार को बैठक करेंगे दोनों देशों के विदेश मंत्री
राष्ट्रपति कार्यालय ने आगे बताया कि इस शिखर सम्मेलन का एजेंडा अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रुस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव तैयार करेंगे और गुरूवार को वो इस संबंध में बैठक करेंगे। बयान के अनुसार, सम्मेलन में मामले से संबंधित अन्य हितधारक भी शामिल होंगे और यूरोप में सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता पर विचार-विमर्श करेंगे। कार्यालय ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करेंगे।
अमेरिका ने कहा- हमला होने तक कूटनीति का रास्ता अपनाने को प्रतिबद्ध
फ्रांस के अलावा अमेरिका ने भी बयान जारी कर बाइडन औ पुतिन के बीच मुलाकात की पुष्टि की है। व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा, "अमेरिका हमला शुरू होने तक कूटनीति अपनाने को लेकर प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति बाइडन सैद्धांतिक तौर पर पुुतिन के साथ बैठक के लिए तैयार हो गए हैं... अगर अभी हमला नहीं हुआ है तो।" बयान के अनुसार, रूस के आक्रमण करने की स्थिति में अमेरिका गंभीर प्रतिबंध लगाने के लिए भी तैयार है।
यूक्रेन में शुरू हो चुका है सरकार और विद्रोहियों के बीच संघर्ष
गौरतलब है कि बाइडन और पुतिन ऐसे समय पर बैठक करने को तैयार हुए हैं जब यूक्रेन में सरकार और रूस समर्थिक विद्रोहियों के बीच गोलाबारी शुरू हो चुकी है और पिछले दो-तीन दिन से दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गोले दाग रहे हैं। इसके कारण आशंका जताई जा रही थी कि रूस इसे बहाना बनाकर किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। मैक्रों और पुतिन की बातचीत इस हमले को रोकने के लिए आखिरी कूटनीतिक प्रयास थी।
यूक्रेन को लेकर क्यों बना हुआ है तनाव?
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं। दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है। रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।