कौन होता है युद्ध अपराधी और इसे तय करने के लिए क्या है प्रक्रिया?

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की भयावहता बढ़ती जा रही है। रूसी सेना ने अब यूक्रेन के अस्पतालों और प्रसूती गृहों पर भी बमबारी शुरू कर दी है। इसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 'युद्ध अपराधी' कहा है, लेकिन किसी को युद्ध अपराधी घोषित करना इतना आसान नहीं है। इसके लिए निर्धारित परिभाषाएं और प्रक्रियाएं हैं। यहां जानते हैं कौन होते हैं युद्ध अपराधी और यह कैसे तय किया जाता है।
राष्ट्रपति बाइडन ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर व्हाइट हाउस में एक समारोह के दौरान कहा, "मुझे लगता है कि वह (व्लादिमीर पुतिन) एक युद्ध अपराधी हैं।" दरअसल, उन्होंने मीडिया के एक सवाल में जवाब में यह बात कही। हालांकि, बाइडन के इस बयान के बाद व्हाइट हाउस पुतिन को युद्ध अपराधी कहने से बच रहा था। उसका कहना था कि किसी को युद्ध अपराधी घोषित करने के लिए जांच और अंतरराष्ट्रीय संकल्प की आवश्यकता होती है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, "राष्ट्रपति अपने दिल से बोल रहे थे और उन्होंने अपना बयान दोहराया कि औपचारिक रूप से युद्ध अपराधी घोषित करने के लिए एक तय प्रक्रिया है।" इसी तरह युद्ध अपराधों पर काम करने वाले और सिएरा लियोन में संयुक्त राष्ट्र की विशेष अदालत के मुख्य अभियोजक रहे डेविड क्रेन ने कहा, "स्पष्ट रूप से पुतिन एक युद्ध अपराधी हैं, लेकिन राष्ट्रपति इस पर राजनीतिक रूप से बोल रहे हैं।"
बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन के कदमों की जांच पहले ही शुरू हो गई है। जांच आयोग गठित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा एक प्रस्ताव पारित करने के बाद अमेरिका और 44 अन्य देश संभावित उल्लंघनों की जांच कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत भी अलग जांच कर रही है। इसी तरह वैश्विक जवाबदेही नेटवर्क की अगुवाई कर रहे क्रेन के समूह ने युद्ध अपराधों की आपराधिक सूचनाएं एकत्र करने के कार्य बल गठित किया है।
क्रेन के समूह द्वारा गठित किए गए कार्य बल ने राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ मुकदमे के नमूने का मसौदा भी तैयार कर रहा है। कार्य बल का अनुमान है कि पुतिन पर आने वाले एक साल के भीतर मुकदमा चलाया शुरू किया जा सकता है।
यह शब्द उन लोगों पर लागू होता है जो विश्व नेताओं द्वारा स्वीकृत सशस्त्र संघर्ष कानूनों का उल्लंघन करते हैं। इन कानूनों से तय होता है कि युद्ध के समय देश कैसा व्यवहार करेंगे। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद कानूनों में सुधार किया गया था। इन नियमों का उद्देश्य लोगों को लड़ाई में भाग लेने से रोकना है। संधियों और प्रोटोकॉल में हथियार और लक्ष्य तय किए गए हैं। इसी तरह रासायनिक और जैविक एजेंट हथियारों पर रोक लगाई गई है।
युद्ध अपराधी घोषित करने के लिए गंभीर उल्लंघनों में जानबूझकर हत्या करना और व्यापक विध्वंस शामिल है। अन्य युद्ध अपराधों में जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाना, मानव ढाल का इस्तेमाल करना और बंधक बनाना शामिल है। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत किसी असैन्य आबादी के खिलाफ व्यापक या व्यस्थित हमलों के संदर्भ में मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों में सजा देती है। इनमें हत्या, तबाही, जबरन स्थानांतरण, प्रताड़ना, दुष्कर्म और यौन गुलामी शामिल है।
आमतौर पर युद्ध अपराधों का पता लगाने और उनकी जांच के कई रास्ते हैं, हालांकि प्रत्येक की अपनी सीमा है। पहला रास्ता है अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत के जरिए। दूसरा, यदि पुतिन पर मुकदमा चलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र, जांच आयोग पर अपना काम एक हाइब्रिड अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध न्यायाधिकरण को सौंप देता है। तीसरा, संबंधित पक्षों या देशों के एक समूह द्वारा पुतिन पर मुकदमा चलाने के लिए एक अधिकरण या अदालत का गठन करना है।
रूस अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत को मान्यता नहीं देता है और वह द हेग में अदालत के मुख्यालय में किसी भी संदिग्ध को नहीं भेजेगा। ऐसे में पुतिन पर संयुक्त राष्ट्र या संबंधित देशों के संघ द्वारा चयनित अदालत में मुकदमा चलाया जा सकता है।
बता दें कि नूर्नबर्ग और टोक्यो में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के ट्रिब्यूनल से लेकर हाल के तदर्थ ट्रिब्यूनल तक वरिष्ठ नेताओं पर बोस्निया, कंबोडिया और रवांडा सहित देशों में उनके कार्यों के लिए मुकदमा चलाया गया है। यूगोस्लाविया के पूर्व नेता स्लोबोडन मिलोसेविक पर हेग में संयुक्त राष्ट्र के एक न्यायाधिकरण द्वारा खूनी संघर्षों को भड़काने के लिए मुकदमा चलाया गया था। हालांकि, फैसला आने से पहले उनकी जेल में मौत हो गई थी।
बोस्नियाई सर्ब सहयोगी राडोवन कराडजिक और बोस्नियाई सर्ब सैन्य नेता जनरल रत्को म्लादिक पर भी सफलतापूर्वक मुकदमा चलाया गया था और दोनों आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इसी तरह लाइबेरिया के टेलर को पड़ोसी सिएरा लियोन में अत्याचार का दोषी ठहराए जाने के बाद 50 साल की सजा सुनाई गई थी। चाड के पूर्व तानाशाह हिसीन हाबरे को एक अफ्रीकी अदालत ने मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए आजीवन कारावास दिया था।