NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    चीन समाचार
    पाकिस्तान समाचार
    अफगानिस्तान
    रूस समाचार
    श्रीलंका
    यूक्रेन युद्ध
    श्रीलंका आर्थिक संकट
    NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / दुनिया की खबरें / दुनिया-जहां: रूस और यूक्रेन के बीच विवाद का केंद्र बना NATO क्या है?
    दुनिया

    दुनिया-जहां: रूस और यूक्रेन के बीच विवाद का केंद्र बना NATO क्या है?

    दुनिया-जहां: रूस और यूक्रेन के बीच विवाद का केंद्र बना NATO क्या है?
    लेखन प्रमोद कुमार
    Feb 20, 2022, 02:28 pm 1 मिनट में पढ़ें
    दुनिया-जहां: रूस और यूक्रेन के बीच विवाद का केंद्र बना NATO क्या है?
    रूस और यूक्रेन के बीच विवाद बना NATO क्या है?

    पूरी दुनिया की निगाहें इन दिनों रूस और यूक्रेन की सीमा पर टिकी हुई हैं। रूस ने यूक्रेन से लगती सीमा पर डेढ़ लाख से अधिक सैनिक तैनात किए हैं और अमेरिका ने आशंका जताई है कि वह किसी भी समय हमला कर सकता है। यूक्रेन और रूस के बीच पिछले कुछ महीनों से बढ़ रहे तनाव की कई वजहों में से एक बड़ी वजह नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) है। दुनिया-जहां में आज इसी के बारे में समझते हैं।

    यूक्रेन को लेकर क्यों बना हुआ है तनाव?

    यूक्रेन को लेकर तनाव के कई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और NATO से बढ़ती नजदीकियां हैं। दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है। रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।

    रूस क्या चाहता है?

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से 'कानूनी गारंटी' मांगी है कि यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं कराया जाएगा। साथ ही उन्होंने पूर्वी यूरोप में NATO की सैन्य गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग भी की है। दूसरी तरफ यूक्रेन जल्द NATO में शामिल होना चाहता है। यूक्रेनियन राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में मांग की कि यूक्रेन को NATO में शामिल करने की स्पष्ट समयसीमा तय की जाए।

    NATO क्या है और इसकी शुरुआत कब हुई?

    नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी के जरिये 4 अप्रैल, 1949 को एक सैन्य गठबंधन NATO की शुरुआत हुई थी। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ के विस्तार को रोकने के लिए इसका गठन किया गया था। बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लग्जमबर्ग, द नीदरलैंड्स, नॉर्वे, पुर्तगाल, इंग्लैंड और अमेरिका को इसके संस्थापक सदस्यों में गिना जाता है। आगे चलकर ग्रीस, तुर्की, बुल्गारिया, जर्मनी, स्पेन, चेक रिपब्लिक, हंगरी, पोलैंड आदि देश भी इसमें शामिल हो गए।

    ट्रीटी का अनुच्छेद 5 है अहम

    इस ट्रीटी (संधि) का मुख्य प्रावधान इसके अनुच्छेद 5 में लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि किसी भी एक या एक से ज्यादा सदस्य देशों के खिलाफ कोई सैन्य आक्रमण होता है तो यह संधि पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देशों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। इसके खिलाफ सभी सदस्य देश मिलकर आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करते हुए नॉर्थ अटलांटिक इलाके में शांति बहाली के लिए सेना के इस्तेमाल समेत सभी जरूरी कदम उठाएंगे।

    2001 में पहली बार इस्तेमाल हुआ अनुच्छेद 5

    NATO ने पहली बार 11 सितंबर को अमेरिका में आतंकी हमले के बाद अनुच्छेद 5 का इस्तेमाल किया था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए इस हमले में करीब 3,000 लोगों की मौत हुई थी।

    30 है NATO के सदस्यों की संख्या

    अनुच्छेद 6 में संधि की भौगोलिक सीमा को 'यूरोप और उत्तरी अमेरिका में किसी भी क्षेत्र पर सैन्य हमले' को कवर करने के रूप में परिभाषित किया गया है। इसके बाकी अनुच्छेदों में सदस्य देशों के लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने, साझी सैन्य क्षमता का विकास, एक-दूसरे से सलाह लेना और दूसरे यूरोपीय देशों को आमंत्रित करने जैसे प्रावधान जोड़े गए हैं। इसका मुख्यालय बेल्जियम में है और फिलहाल इसके सदस्यों की संख्या 30 है।

    शुरुआत में अमेरिका से मिली बड़ी फंडिंग

    इसकी स्थापना के शुरुआती दो दशकों में NATO सेनाओं के लिए बेस, एयरफील्ड, पाइपलाइन, नेटवर्क और डिपो जैसे ढांचे बनाने के लिए तीन बिलियन डॉलर खर्च किए गए थे। सभी सदस्य देशों ने इसमें योगदान दिया था, लेकिन करीब एक तिहाई फंडिंग अकेले अमेरिका से मिली थी। NATO की फंडिंग का इस्तेमाल आमतौर पर सैन्य उपकरणों के लिए नहीं होता है। सदस्य देश ही NATO सेना को जरूरी हथियार और उपकरण मुहैया कराते हैं।

    राजनैतिक और सैन्य गतिविधियों के लिए अलग-अलग संगठन

    NATO में राजनैतिक और सैन्य गतिविधियों के लिए अलग-अलग संगठन बने हुए हैं। नॉर्थ अटलांटिक काउंसिल और न्यूक्लियर स्ट्रैटजी ग्रुप राजनैतिक मामले देखता है, जबकि सैन्य कामों के लिए मिलिट्री कमेटी बनी हुई है, जिसमें सदस्य देशों के सैन्य अधिकारी शामिल होते हैं।

    यूक्रेन सदस्य नहीं, फिर भी क्यों मदद करेगा NATO?

    NATO गैर-सदस्य देशों में सैनिकों की तैनाती को लेकर प्रतिबद्ध नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि यूक्रेन के सदस्य न होने पर भी वह यूक्रेन की मदद क्यों करेगा? दरअसल, यूक्रेन NATO का साझेदार है और 1997 में दोनों ने मिलकर एक आयोग का गठन किया था, जिससे दोनों के बीच संबंध मजबूत हुए थे। इसके अलावा यूक्रेन ने 2008 में सदस्यता के लिए आवेदन भी किया था। हालांकि, बाद में यह प्रक्रिया रोक दी गई थी।

    NATO ने क्या तैयारी की है?

    रूस की तरफ से हमले के गहरे होते बादलों के बीच NATO ने अपनी सेनाओं की तैयारियों को बढ़ा दिया है। NATO स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और सभी जरूरी कदम उठा रहा है। सदस्य देशों ने अपने सैनिकों को स्टैंडबाय पर रखा है और कई बटालियन, विमानों और समुद्री जहाजों को इलाके में तैनात करना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने पोलैंड में 3,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है।

    इस खबर को शेयर करें
    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    ताज़ा खबरें
    रूस समाचार
    NATO
    यूक्रेन संकट
    दुनिया-जहां

    ताज़ा खबरें

    दिन में 20 मिनट की झपकी लेने से स्वास्थ्य को मिल सकते हैं ये 5 फायदे  नींद
    बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले पिच को लेकर शुरू हुआ विवाद, दोनों तरफ से तेज हुई बयानबाजी    भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट
    हिंडनबर्ग-अडाणी समूह मामला: शेयरों में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए किए जा रहे उपाय- SEBI अडाणी समूह
    पहला टेस्ट: वेस्टइंडीज के नाम रहा पहला दिन, ब्रैथवेट-तेजनारायण ने जमाए अर्धशतक, बारिश बनी बाधा वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम

    रूस समाचार

    स्कूली छात्रों को राइफल्स और हैंड ग्रेनेड चलाना सिखाएगा रूस- UK यूक्रेन
    यूक्रेन युद्ध से पहले व्लादिमीर पुतिन ने मुझे दी थी मिसाइल हमले की धमकी- बोरिस जॉनसन बोरिस जॉनसन
    रूस-यूक्रेन युद्ध को 11 महीने हुए पूरे, अब तक 18,000 से अधिक नागरिक हुए हताहत यूक्रेन युद्ध
    गोवा आ रहे रूस के एक और विमान में बम होने की धमकी, किया गया डायवर्ट गोवा

    NATO

    NATO की रूसी सेना से भिड़ंत बनेगी 'वैश्विक तबाही' का कारण- पुतिन अमेरिका
    भारतीय अधिकारियों ने की थी NATO प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक, क्या है इसका महत्व? चीन समाचार
    रूस के खिलाफ जंग के लिए यूक्रेन को एडवांस रॉकेट सिस्टम देगा अमेरिका, जानें इसकी खासियत अमेरिका
    NATO प्रमुख का बड़ा बयान, बोले- रूस के खिलाफ चल रहा युद्ध जीत सकता है यूक्रेन रूस समाचार

    यूक्रेन संकट

    यूक्रेन के कई शहरों में रूस ने दागे 100 से अधिक मिसाइल  यूक्रेन
    यूक्रेन-चीन से लौटे मेडिकल छात्रों को देश में प्रैक्टिस की अनुमति दे सकता है NMC NEET
    गंभीर रूप से बीमार है व्लादिमीर पुतिन, ब्लड कैंसर की चपेट में होने की संभावना- रिपोर्ट अमेरिका
    यूक्रेन की मदद पर मस्क की जान ले सकता है रूस? टेस्ला CEO ने किया ट्वीट ट्विटर

    दुनिया-जहां

    ब्राजील की सरकारी इमारतों पर बोल्सोनारो के समर्थकों का धावा, यहां तक कैसे पहुंची स्थिति? ब्राजील
    दिवालिया क्रिप्टो एक्सचेंज FTX के पूर्व CEO सैम बैंकमैन-फ्राइड बहामास में गिरफ्तार क्रिप्टोकरेंसी
    दुनिया-जहां: विश्वभर में क्यों बढ़ रहे खाद्य वस्तुओं के दाम और क्या इनमें कमी आएगी? खाद्यान्न उत्पादन
    दुनिया-जहां: इमरान खान की सरकार गिरने के पाकिस्तान और दुनिया के लिए क्या मायने? पाकिस्तान समाचार

    दुनिया की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    World Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स क्रिप्टोकरेंसी भाजपा समाचार कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive कोरोना वायरस वैक्सीन ट्रैवल टिप्स यूक्रेन युद्ध मंकीपॉक्स द्रौपदी मुर्मू
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023