अफगानिस्तान से वापस लौटा अमेरिका, तालिबान बोला- 'पूर्ण आजादी' मिल गई
अफगानिस्तान में अमेरिका का सैन्य अभियान समाप्त हो गया है। सोमवार को काबुल हवाई अड्डे से आखिरी अमेरिकी विमान ने उड़ान भरी और इसी के साथ अमेरिका का दो दशक का सैन्य अभियान खत्म हो गया। मेजर जनरल क्रिस डोनाह्यु आखिरी अमेरिकी सैनिक थे, जो काबुल से विमान में सवार हुए। अमेरिका ने 31 अगस्त की समयसीमा से एक दिन पहले ही अपना सैन्य अभियान खत्म कर दिया है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
अमेरिका ने करीब 80,000 लोगों को काबुल से निकाला
अमेरिका की सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि अमेरिका ने 14 अगस्त के बाद से अपने 6,000 नागरिकों समेत 79,000 लोगों को काबुल से निकाला है। पेंटागन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मैकेंजी ने कहा, "मैं यहां यह बताने आया हूं कि हमने अफगानिस्तान से अपना निकासी अभियान पूरा कर लिया है। यह सैन्य उपकरणों की निकासी के साथ-साथ अफगानिस्तान में 20 साल से चल रहे अभियान का भी अंत है।"
15 अगस्त को अफगानिस्तान पर हुआ था तालिबान का कब्जा
15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग निकले और अफगान सेना के अपने हथियार डाल दिए। पूरे काबुल पर तालिबान का कब्जा था, लेकिन यहां स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अमेरिका के नियंत्रण में था। यहां से अफगान नागरिकों के साथ-साथ दूसरे देशों के नागरिकों, दूतावास कर्मियों और राजनयिकों को निकाला जा रहा था। बीते दो हफ्तों में एक लाख से अधिक लोगों को काबुल से निकाला गया है।
अमेरिका का कोई कर्मचारी अब अफगानिस्तान में नहीं- मैकेंजी
मैकेंजी ने कहा कि वो पूरे भरोसे के साथ कह सकते हैं कि अब अमेरिका का कोई भी कर्मचारी अफगानिस्तान में नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 14 अगस्त को इस भरोसे के साथ निकासी अभियान शुरू किया था कि अफगानिस्तान की सेना उसकी मदद करने की इच्छुक और ऐसा करने में काबिल है, लेकिन अगले ही दिन तालिबान ने राजधानी पर कब्जा कर लिया। इसके बाद अमेरिका ने तालिबान के साथ संपर्क कर निकासी अभियान चलाया।
अमेरिकी अधिकारी ने की तालिबान की तारीफ
मैकेंजी ने पत्रकारों को बताया कि हवाई अड्डे की सुरक्षा के मामले में तालिबान 'मददगार' रहा और 'काफी काम' आया। उन्होंने तालिबान और उनके प्रयासों की सराहना भी की, लेकिन बताया कि अमेरिका ने अपनी आखिरी उड़ान की जानकारी उसे नहीं दी थी।
बाइडन बोले- लोगों की मदद जारी रखेंगे
अमेरिका ने कहा है कि सैनिकों की वापसी के बाद भी वो अफगानिस्तान छोड़ना चाह रहे लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने बयान में सैनिकों की वापसी की पुष्टि करते हुए निकासी अभियान की सराहना की और वादा किया कि वो अफगानिस्तान में रह गए अमेरिकी और पात्र अफगान नागरिकों की वहां से निकलने में मदद करेंगे। इस मुद्दे पर बाइडन आज शाम देश को संबोधित करेंगे।
तालिबान बोला- अफगानिस्तान को मिली 'पूर्ण आजादी'
दूसरी तरफ अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने जश्न मनाया है। उसके लड़ाकों ने सड़कों पर चलते हुए हवाई फायर किए और तालिबान नेताओं ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया। तालिबान प्रवक्ता जबिहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अमेरिका के लौटने के बाद अफगानिस्तान को 'पूर्ण आजादी मिल गई' है। वहीं तालिबान के वरिष्ठ अधिकारी अनस हकानी ने कहा कि 'इन ऐतिहासिक पलों' को देखकर वह गर्व महसूस कर रहा है।