क्या है डर्टी बम, जिसके यूक्रेन द्वारा इस्तेमाल की आशंका जता रहा रूस?
क्या है खबर?
रुस के विदेश मंत्री सर्गेई शोइगु ने दावा किया है कि यूक्रेन उसके खिलाफ 'डर्टी बम' इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है।
उन्होंने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ-साथ ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और तुर्की के रक्षा मंत्रियों के साथ बातचीत में दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के दौरान यूक्रेन के डर्टी बम इस्तेमाल करने की आशंका जताई।
आइए जानते हैं कि डर्टी बम आखिर होता क्या है और यह कितना खतरनाक है।
परिचय
क्या होता है डर्टी बम?
डर्टी बम एक ऐसा बम होता है जिसमें पारंपरिक विस्फोटकों के साथ-साथ यूरेनियम जैसे रेडियोएक्टिव पदार्थ भी मौजूद होते हैं।
इसका इस्तेमाल करने पर पहले तो आम विस्फोट होता है और फिर रेडियोएक्टिव पदार्थ वातावरण में फैल जाते हैं। इसी कारण इसे 'रेडियोलॉजिकल डिस्पर्सन डिवाइस' भी कहा जाता है।
इस बम को अस्पताल, न्यूक्लियर पावर प्लांट और लैब आदि में मिलने वाले रेडियोएक्टिव पदार्थों से तैयार किया जा सकता है और इसके लिए अत्यंत रेडियोएक्टिव पदार्थों की जरूरत नहीं होती।
खतरनाक
कितना खतरनाक होता है डर्टी बम?
रेडियोएक्टिव पदार्थों की मौजूदगी के कारण डर्टी बम बेहद खतरनाक साबित हो सकता है और इससे निकलने वाली रेडिएशन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
इसका मुख्य लक्ष्य नागरिकों में दहशत फैलाना होता है और इसी कारण इसे 'वेपन ऑफ मास डिसरप्शन' भी कहा जाता है क्योंकि ये बड़े पैमाने पर अफरा-तफरी पैदा करता है।
अगर नागरिकों को समय रहते प्रभावित इलाके से निकाल लिया जाए तो इसके नुकसान को बेहद कम किया जा सकता है।
जानकारी
ऐसा होने पर बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकता है डर्टी बम
डर्टी बम में रेडियोएक्टिव पदार्थों को पाउडर रूप में डाला जाता है, ताकि ये आसानी से फैल सकें। ऐसे में अगर यह पाउडर ज्यादा हल्का हो जाए तो तेज हवा के साथ दूर तक जाकर बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकता है।
उदाहरण
उदाहरण से समझें कितना खतरनाक हो सकता है डर्टी बम
द फेडेरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट के मुताबिक, नौ ग्राम कोबाल्ट-60 और 5 किलोग्राम ट्राइनाइट्रो टोल्यून (TNT) से बने डर्टी बम का अगर न्यूयॉर्क के मैनहटन में इस्तेमाल किया जाता है तो इससे शहर का पूरा इलाका दशकों तक रहने लायक नहीं रहेगा।
डर्टी बम को बनाने में किस रेडियोएक्टिव पदार्थ का इस्तेमाल हुआ है, उसके हिसाब से भी इसका असर कम-ज्यादा होता है।
ये महज इतना बड़ा होता है कि किसी वाहन में रखकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
तुलना
परमाणु बम के मुकाबले कहां ठहरता है डर्टी बम?
परमाणु बम की तुलना में डर्टी बम महज एक साधारण बम होता है।
यहां डर्टी बम में महज कुछ ग्राम कम रेडियोएक्टिव पदार्थ इस्तेमाल किए जाते हैं, वहीं परमाणु बम में कई किलोग्राम यूरेनियम-235 का इस्तेमाल होता है जो सबसे ज्यादा रेडियोएक्टिव होता है।
हिरोशिमा पर गिराए गए 'लिटिल बॉय' में 64 किलोग्राम यूरेनियम इस्तेमाल हुआ था जिसमें से महज 1.09 किलोग्राम एनर्जी में बदला। धमाके में 1.40 लाख लोग मारे गए थे और पूरा शहर तबाह हो गया था।
इस्तेमाल
क्या कभी इस्तेमाल हुआ है डर्टी बम?
अभी तक कहीं भी डर्टी बम का इस्तेमाल नहीं किया गया है, हालांकि इसके इस्तेमाल की कोशिश जरूर हुई है।
1996 में चेचन्या विद्रोहियों ने रूस की राजधानी मॉस्को में डर्टी बम लगा दिया था, हालांकि सुरक्षाबलों ने समय रहते इसे निष्क्रिय कर दिया। 1998 में चेचन्या में भी रेलवे लाइन के पास एक डर्टी बम मिला था।
2002 में अमेरिकी नागरिक होसे पाडीला को डर्टी बम से हमला करने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
प्रतिक्रिया
रूस के आरोपों पर अन्य देशों का क्या कहना है?
अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की सरकारों ने यूक्रेन के डर्टी बम इस्तेमाल करने के रूस के आरोपों को निराधार बताया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने भी रूस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ऐसा बुरा काम रूस ही कर सकता है।
विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि रूस यूक्रेन पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहा है और इसके लिए बहाना पैदा करने के लिए यूक्रेन पर ये आरोप लगा रहा है।
यूक्रेन युद्ध
रूस-यूक्रेन युद्ध में क्या हो रहा है?
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था और तभी से दोनों देशों में युद्ध चल रहा है।
अभी युद्ध में रूस बैकफुट पर है और हालिया समय में उसे कई झटके लगे हैं। पिछले कुछ महीनों में यूक्रेनी सेना कई शहरों को उसके कब्जे से छुड़ा चुकी है।
इन झटकों के बाद रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज किए हैं। इसके अलावा पूर्वी और उत्तर-पूर्वी यूक्रेन स्थित कई इलाकों पर अभी भी उसका कब्जा है।