रूस में जासूसी के लिए इजराइली डिटेक्टिव ने ली भारतीय हैकर्स की मदद, समझें पूरा मामला
हैकिंग के मामले में इजराल की फर्म्स के टूल्स सबसे खतरनाक माने जाते हैं, लेकिन भारत, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के हैकर्स भी कम नहीं है। अमेरिका में पकड़ी गई एक इजराइली प्राइवेट इन्वेस्टिगेटर कंपनी की ओर से भारतीय हैकर्स की मदद लिए जाने की बात सामने आई है। यह कंपनी रूस में कुछ नामी-गिरामी और अमीर चेहरों पर निगरानी रखते हुए उनकी जासूसी कर रही थी। मामले की जानकारी एक कोर्ट फाइलिंग में दी गई है।
स्वतंत्र पत्रकार ने दी जानकारी
स्वतंत्र पत्रकार स्कॉल स्टेडमैन ने न्यू यॉर्क कोर्ट में बताया कि जेल भेजे गए प्राइवेट डिटेक्टिव अविराम अजारी इजराइल की कंपनी के लिए काम कर रहे थे। फाइलिंग में कहा गया कि अविराम का काम 'रूस में नामी और अमीर लोगों का सर्विलांस करना और साइबर-इंटेलिजेंस ऑपरेशंस को अंजाम देना' था। पत्रकार ने इस दावे के लिए पब्लिक रिपोर्टिंग और कुछ गोपनीय सूत्रों को आधार बताया और कोर्ट के सामने साक्ष्य रखे हैं।
रूसी कारोबारी ओलेग डेरिपास्का से संबंध
स्टेडमैन ने कोर्ट में दावा किया है कि इस मामले में शामिल लोगों में से एक एल्युमिनियम टाइकून और रूसी कारोबारी ओलेग डेरिपास्का भी हैं। कहा गया है कि ऑस्ट्रिया से जुड़े बिजनेस विवाद के चलते ओलेग भी पर्दे के पीछे आजारी के साथ काम कर रहे थे। हालांकि, डेरिपास्का के स्पोक्सपर्सन ने ईमेल में इन आरोपों को पूरी तरह झूठा बताया है। स्टेडमैन ने अपना डिक्लियरेशन ब्रिटिश-इजराइली सिक्योरिटी कंसल्टेंट वाल्टर सोरिआनो से जुड़े एक मामले में दिया।
वाल्टर ने आरोपों को सिरे से नकारा
स्टेडमैन ने अपने पब्लिकेशन फॉरेंसिक न्यूज में शेयर किए गए कई आर्टिकल्स में दावा किया है कि वाल्टर अमीर रशियन्स और सर्विलांस कंपनियों के बीच मिडिलमैन की भूमिका में रहा। वहीं, वाल्टर ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए स्टेडमैन पर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने से जुड़ा कैंपेन चलाने, प्राइवेसी को नुकसान पहुंचाने और परेशान करने जैसे आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है। भारतीय हैकर्स की भूमिका पूरे मामले में महत्वपूर्ण बताई जा रही है।
स्टेडमैन के वकील ने कही कई गोपनीय सूत्रों की बात
स्टेडमैन के वकील ने न्यू यॉर्क कोर्ट में कहा है कि उनकी ओर से पब्लिश किए गए आर्टिकल्स 'कई गोपनीय सूत्रों' से मिली जानकारी पर आधारित हैं। इनसे पता चला है कि अजारी पिछले कई साल से वाल्टर सोरिआनो के लिए काम कर रहा था। वहीं, वाल्टर के वकील ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा है कि स्टेडमैन के दावों में दम नहीं है और इनका कोई साक्ष्य नहीं पेश किया जा सकेगा।
भारतीय हैकिंग फर्म कर रही थी काम
रॉयटर्स ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में बताया था कि अजारी को भारतीय हैकिंग फर्म BellTroX के साथ मिलकर पावरफुल क्लाइंट्स के लिए जासूसी करने का आरोपी पाया गया है। BellTroX को फेसबुक और दूसरी बड़ी कंपनियों के साइबर सुरक्षा रिसर्चर्स हैकिंग के मामलों में आरोपी बता चुके हैं। हालांकि, इस हैकिंग कंपनी ने पूरे मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और इस मामले से दूरी बनाकर रखी है।