यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर रूस के हमले से लगी आग- यूक्रेन

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का आज नौंवा दिन है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा है कि रूस की सेना जेपोरजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर चारों तरफ से हमला कर रही है, जिस कारण इसमें आग लग गई है। बता दें कि यह यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। खबर लिखे जाने तक यूक्रेनी अधिकारियों ने संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दावा किया है। आग से एक ट्रेनिंग बिल्डिंग और लैबोरेट्री प्रभावित हुई है।
कुलेबा ने रूस से तुरंत गोलीबारी बंद करने की अपील की है ताकि अग्निशामक वहां पहुंचकर आग बुझा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि परमाणु संयंत्र पर हमला होता है तो इसका असर चर्नोबिल त्रासदी से 10 गुना अधिक होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने परमाणु संयंत्र पर हमले को लेकर अपने यूक्रेनी समकक्ष वोलोडिमीर जेलेंस्की से बातचीत की है। इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि दोनों के बीच और किन मुद्दों पर वार्ता हुई।
परमाणु संयंत्रों पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशन एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने भी रूस से जेपोरजिया परमाणु संयंत्र पर हमला रोकने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि अगर रिएक्टर पर हमला होता है तो इससे गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। एजेंसी के निदेशक ने यूक्रेन के प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर स्थिति का जायजा लिया है। अभी तक संयंत्र के पास रेडिएशन के स्तर पर बदलाव दर्ज नहीं हुआ है।
जेलेंस्की ने रूस पर 'परमाणु आतंक' का सहारा लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि मॉस्को चर्नोबिल त्रासदी को दोहराना चाहता है। अपने वीडियो संदेश में कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कहा कि रूस के अलावा किसी भी अन्य देश ने परमाणु संयंत्रों पर हमला नहीं किया है। यह इतिहास में पहली बार हो रहा है। मानवता के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। आतंकी राष्ट्र अब परमाणु आतंक पर उतर आया है।
‼️На Запорожской АЭС начался пожар в ходе военных действий между Россией и Украиной.https://t.co/EoYkpReFFM
— Новая Газета (@novaya_gazeta) March 4, 2022
Видео: Запорізька АЕС pic.twitter.com/BJn8bE7nGO
जेपोरजिया परमाणु संयंत्र से यूक्रेन की 25 प्रतिशत बिजली की जरूरत पूरा होती है। जानकारों का कहना है कि इसके प्रभावित होने की स्थिति में यूक्रेन के पावर ग्रिड ठप्प पड़ सकते हैं। रूस ने निष्क्रिय पड़े चर्नोबिल संयंत्र पर भी कब्जा कर लिया है।