रूस के खिलाफ जंग के लिए यूक्रेन को एडवांस रॉकेट सिस्टम देगा अमेरिका, जानें इसकी खासियत
रूस के खिलाफ जंग लड़ रहे यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका ने M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) भेजने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बताया है कि यह सिस्टम 700 मिलियन डॉलर के उस सहायता पैकेज का हिस्सा होगा, जिसमें हेलिकॉप्टर, जेवलिन एंटी-टैंक वेपन सिस्टम और दूसरे जरूरी उपकरण यूक्रेन भेजे जाएंगे। यूक्रेन काफी समय से इस मीडियम-रेंज रॉकेट सिस्टम की मांग कर रहा था। आइये, जानते हैं कि यूक्रेन क्यों इसकी मांग कर रहा था।
क्या है HIMARS?
HIMARS एक उन्नत तकनीक वाला हल्का रॉकेट लॉन्चर है। इसे वाहन पर फिट किया जा सकता है, जिससे इसे युद्धक्षेत्र में एक से दूसरी जगह ले जाना आसान हो जाता है। इसकी हर यूनिट में छह GPS से गाइड होने वाली रॉकेट आ सकती हैं। इन्हें लोड करने में एक मिनट से भी कम का समय लगता है और ज्यादा लोगों की भी जरूरत नहीं पड़ती। जानकारों का कहना है कि यह रॉकेट सिस्टम ज्यादा भरोसेमंद है।
80 किलोमीटर तक मार कर सकेगा यह सिस्टम
अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को मिलने वाले इस सिस्टम की रेंज लगभग 80 किलोमीटर होगी। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ऐसे कितने सिस्टम यूक्रेन को दिए जाएंगे।
यूक्रेन की तरफ से क्यों हो रही थी इसकी मांग?
देश के पूर्वी हिस्से में आगे बढ़ रही रूसी सेना को रोकने के लिए यूक्रेन लंबे समय से एक अधिक रेंज वाले आर्टिलरी सिस्टम की मांग कर रहा था। बीते शनिवार को जब रूसी सेना ने रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण शहर सेवेरोदोनेत्सक में पैर जमाए, तब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मिखाइलो पोडोलियाक ने कहा था कि दुश्मन का सामना करने के लिए अधिक दूरी तक मार करने वाले हथियारों की जरूरत है।
अब यूक्रेन को मिलेगा यह फायदा
अब अमेरिका से HIMARS मिलने के बाद यूक्रेन लंबी दूरी से रूसी सेना पर हमला करने में सफल हो सकेगा। इसकी मदद से यूक्रेनी सेना एक सुरक्षित दूरी से रूसी सेना और उनके साजो-सामान को निशाना बना सकेगी।
अभी तक अमेरिका ने यह सिस्टम क्यों नहीं दिया था?
अमेरिका अभी तक यूक्रेन को ऐसे हथियार देने से बच रहा था, जिनसे इस युद्ध के आगे फैलने का खतरा था। अभी तक अमेरिका ने यूक्रेन की तरफ से रूसी क्षेत्र में रॉकेट, ड्रोन या हेलिकॉप्टर आदि से किए गए किसी भी शॉर्ट-रेंज के हमलों का समर्थन नहीं किया था। अब भी अमेरिका ने यूक्रेन से यह आश्वासन लिया है कि वह इस सिस्टम को रूसी क्षेत्र में हमले के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा।
रूस ने की अमेरिका की आलोचना
रूस ने यूक्रेन को HIMARS देने के अमेरिकी फैसले की निंदा करते हुए कहा कि इससे सीधे टकराव का खतरा बढ़ गया है। रूस ने अमेरिका के इस फैसले को आग में घी डालने जैसा बताया है।
"बातचीत के जरिये युद्ध समाप्ति की उम्मीद"
अमेरिका और NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) के अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि यूक्रेन में जारी युद्ध बातचीत के जरिये खत्म हो सकता है, लेकिन शांति वार्ता में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए यूक्रेन को अपनी रक्षा करनी होगी। NATO ने कहा कि युद्धक्षेत्र में स्थिति ही निर्धारित करेगी कि शांति वार्ता कैसे आगे बढ़ेगी। अमेरिका ने भी कहा कि वह रक्षा के मामले में यूक्रेन की मदद कर रहा है ताकि शांति वार्ता में उसकी स्थिति मजबूत हो।
24 फरवरी से जारी है युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से युद्ध जारी है। रूस ने 'विशेष सैन्य अभियान' के नाम पर यूक्रेन पर आक्रमण की शुरुआत की थी। रूस की सैन्य ताकत को देखते हुए लग रहा था कि वह कुछ ही दिनों में आसानी से जीत दर्ज कर लेगा, लेकिन यूक्रेन ने उसका डटकर मुकाबला किया और कई मोर्चों पर उसे पीछे लौटने पर मजबूर कर दिया। अब रूस ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में अपनी ताकत झोंकी हुई है।