यूक्रेन युद्ध: क्या होता है नो-फ्लाई जोन और क्यों इसे लागू नहीं किया जा रहा?
यूक्रेन पर रूस का आक्रमण लगातार जारी है। इसका सामना करने के लिए यूक्रेन लगातार अमेरिका और अन्य देशों से मदद मांग रहा है। हाल ही में नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) और इसके सहयोगी देशों के साथ बातचीत में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने अपने देश पर नो-फ्लाई जोन घोषित करने की मांग की थी। आइये जानते हैं कि यह क्या होता है और क्यों अन्य देश इसे लागू करने से बच रहे हैं।
क्या होता है नो-फ्लाई जोन?
नो-फ्लाई जोन का मतलब एयरस्पेस का वो इलाका होता है, जहां विमानों के उड़ान भरने पर पाबंदी रहती है। आमतौर पर सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील इलाकों को बचाने के लिए इसका ऐलान किया जाता है। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण मौकों या आयोजनों के वक्त किसी निश्चित इलाके को नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया जाता है। सैन्य अभियानों के संदर्भ में इसे हमले और निगरानी रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
यूक्रेन पर नो-फ्लाई जोन घोषित करने का मतलब क्या होगा?
अगर यूक्रेन के ऊपर नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया जाता है तो रूस की मुश्किलें बढ़ जाएंगी और उसे विमानों के जरिये हमला करने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा। दरअसल, ऐसा होने पर रूसी विमान उस एयरस्पेस में नहीं घुस सकेंगे। अगर वो घुस जाते हैं तो यूक्रेन की मदद कर रहे देशों और खासकर NATO के लड़ाकू विमान उनका मुकाबला करेंगे और जरूरी होने पर उन्हें मार गिराया जा सकता है।
पश्चिमी देश नो-फ्लाई जोन क्यों नहीं घोषित कर रहे?
अगर अमेरिका समेत NATO सहयोगी यूक्रेन पर नो-फ्लाई जोन घोषित करते हैं तो पहले से जारी तनाव और बढ़ जाएगा। इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने कहा कि इस घोषणा का मतलब है कि अमेरिकी सेना रूसी सैनिकों से लड़ रही होगी और यह आधिकारिक तौर पर युद्ध की शुरुआत हो सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका रूस के साथ युद्ध की स्थिति में नहीं पड़ना चाहता।
NATO सहयोगियों के एजेंडे में नहीं है नो-फ्लाई जोन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ऐसे ही एक सवाल के जवाब में कहा कि इससे ऐसी परिस्थितियां बन सकती हैं, जिन्हें नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होगा और यह किसी भी NATO सहयोगी के एजेंडे में नहीं है।
रूसी विमानों के लिए एयरस्पेस बंद कर चुके हैं कई देश
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को अमेरिकी हवाई क्षेत्र को रुसी एयरलाइंस के लिए बंद करने का ऐलान भी किया। इस प्रतिबंध का मतलब है कि रूस के विमान अमेरिका के हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। अमेरिका के इस कदम से न केवल रूसी एयरलाइंस को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, बल्कि पुतिन पर भी रूस के अंदर दबाव बढ़ेगा। अमेरिका से पहले कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और EU के कई देश भी यह कदम उठा चुके हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
यूक्रेन पर युद्ध को आज सातवां दिन है और रूस अभी तक कोई भी बड़ी सफलता पाने में नाकाम रहा है। यूक्रेन मजबूती से रूस के आक्रमण का जवाब दे रहा है। कई जानकारों का मानना है कि है अब रूस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और वह बड़े स्तर पर विनाश पहुंचाने की कोशिश करेगा। यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में रूसी पैराट्रूपर उतर चुके हैं और उनकी स्थानीय बलों से लड़ाई जारी है।