युद्ध रुकवाने के लिए भारत मध्यस्थता करे तो हम उसका स्वागत करेंगे- यूक्रेनी विदेश मंत्री
यूक्रेन ने बुधवार को एक बार फिर भारत से आह्वान किया है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए रूस से युद्ध रोकने को कहे। यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि भारत इस स्थिति में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यूक्रेन इस मामले में इतिहास के सही पक्ष में है। यूक्रेन भारत के खाद्य सुरक्षा गारंटरों में से एक है और दोनों देशों के पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध हैं।
मोदी मध्यस्थता करते हैं तो इसका स्वागत करेंगे- कुलेबा
NDTV से बातचीत में जब कुलेबा से पूछा गया कि क्या भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूक्रेन और रूस के बीच मध्यस्थ की भूमिका में देखने को तैयार हैं तो उन्होंने कहा, "अगर प्रधानमंत्री मोदी यह भूमिका निभाना चाहते हैं तो हम इसका स्वागत करेंगे।"
सीधे पुतिन से बात करने की जरूरत- कुलेबा
यूक्रेनी विदेश मंत्री ने कहा, "हम भारत से निवेदन करते हैं कि वह रूस के साथ अपने रिश्तों का फायदा उठाते हुए उससे युद्ध रोकने के लिए कहे। रूस में केवल राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ही अकेले सारे फैसले ले रहे हैं। इसलिए युद्ध रोकने के लिए आपको सीधे उनसे बात करनी पड़ेगी।" कुलेबा ने यह भी कहा कि इस ग्रह पर केवल पुतिन ऐसे व्यक्ति हैं, जो यह युद्ध चाहते हैं।
भारतीय छात्र की मौत पर जताई संवेदना
कुलेबा ने यूक्रेन में रूसी हमले में हुई भारतीय छात्र की मौत पर अफसोस जताया है। उन्होंने कहा, "रूस के टैंक और विमान आने से पहले यूक्रेन भारतीय छात्रों के लिए घर के बराबर था। हम चाहते हैं कि भारतीय छात्र वापस आए।" गौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में खारकीव के गवर्नर हाउस पर हुई एक मिसाइल हमले में कर्नाटक के रहने वाले एक छात्र की मौत हो गई थी।
रूस के सेना वापसी ऐलान पर क्या बोले कुलेबा?
यूक्रेन के साथ बातचीत के बाद रूस ने ऐलान किया था कि वह कीव और चेर्निहीव में अपनी सैन्य गतिविधियां कम कर देगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कुलेबा ने बताया कि बताया कि इन दोनों ही इलाकों से रूसी सेना की सार्थक वापसी नहीं हुई है। कुछ क्षेत्रों से सैनिक वापस लौटे हैं, लेकिन अभी तक पूरी वापसी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जमीन पर स्थिति और हमलों को देखते हुए बातचीत टूटती नजर आ रही है।
युद्ध की मौजूदा स्थिति क्या?
24 फरवरी को यूक्रेन पर शुरू हुआ रूसी आक्रमण दूसरे महीने में प्रवेश कर गया है और अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। राहत की बात यह है कि शुरुआती दौर की बातचीत असफल होने के बाद दोनों देशों के बीच मुलाकातों का दौर फिर शुरू हुआ है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को दोनों देशों के फिर बातचीत होगी। एक वार्ताकार ने बताया कि दोनों देशों के राष्ट्रपतियों की मुलाकात भी जल्द संभव है।