यूक्रेन युद्ध: बातचीत के बाद रूस का कीव की तरफ सैन्य गतिविधि कम करने का ऐलान
रूस ने कहा है कि यूक्रेन की राजधानी कीव और उत्तरी शहर चेर्निहीव में अपनी सैन्य गतिविधियों को कम करने के लिए तैयार है। इस्तांबुल में दोनों देशों के वार्ताकारों के बीच हफ्तों बाद हुई सीधी बातचीत के बाद रूस ने यह ऐलान किया है। रूस के रक्षा मंत्री एलेक्जेंडर फॉमिन ने कहा कि युद्ध खत्म करने के लिए हो रही बातचीत में विश्वास बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
इस शर्त पर तटस्थता पर विचार करने को तैयार यूक्रेन
यूक्रेन के वार्ताकारों ने कहा कि अगर एक अंतरराष्ट्रीय समझौते के तहत दूसरे देश यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर गारंटर बनते हैं तो वह तटस्थ रहने पर विचार करने को तैयार है। यूक्रेनी वार्ताकार डेविड अरखामिया ने पत्रकारों को बताया, "हम सुरक्षा गारंटी का ऐसा अंतरराष्ट्रीय तंत्र चाहते हैं, जहां जरूर पड़ने पर गारंटर देश NATO के अनुच्छेद पांच की तरह कदम उठाएंगे।" बता दें कि यूक्रेन का तटस्थ रहना रूस की प्रमुख मांगों में से एक है।
दोनों राष्ट्रपतियों के बीच बातचीन संभव- अरखामिया
अरखामिया ने यह भी कहा कि रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों के बीच बैठक संभव है और रूस के साथ किसी भी समझौते पर पहुंचने से पहले यूक्रेन में पूर्ण शांति होना जरूरी है।
NATO और उसका अनुच्छेद पांच क्या है?
NATO अमेरिका और उसके सहयोगियों का एक सैन्य गठबंधन है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसका गठन किया गया था। इसके अनुच्छेद पांच में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई भी NATO में शामिल किसी एक देश पर हमला करता है तो इसे सभी 30 सदस्य देशों पर हमला माना जाएगा। रूस इसलिए NATO से चिढ़ता है क्योंकि 1949 में इसका गठन सोवियत संघ के विस्तार को रोकने के लिए किया गया था।
तुर्की बोला- बातचीत में अहम प्रगति
तुर्की के विदेश मंत्री मेवल्त केवुसोग्लु ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी बातचीत में अहम प्रगति हुई है। करीब तीन घंटे की बैठक के बाद केवुसोग्लु ने कहा कि युद्ध की शुरुआत के बाद से शुरू हुई बातचीत में यह अब तक की सबसे बड़ी प्रगति है। जानकारों का कहना है कि रूस की तरफ से हुआ ताजा ऐलान दिखाता है कि बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है।
तुर्की निभा रहा मध्यस्थ की भूमिका
इससे पहले बेलारूस में दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही थी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होने वाली यह बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई। अब NATO का सदस्य तुर्की मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है। तुर्की काला सागर में यूक्रेन और रूस के साथ अपनी समुद्री सीमा साझा करता है। बता दें कि तुर्की ने रूस के आक्रमण को अस्वीकार्य बताया है, लेकिन उसने पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का भी विरोध किया है।
रूस का ऐलान गुमराह करने वाला- यूक्रेनी सेना
रूस के कीव की तरफ न बढ़ने के ऐलान को यूक्रेनी सेना ने गुमराह करने वाला बताते हुए कहा कि उसे इस पर भरोसा नहीं है। यूक्रेनी सेना के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे संकेत मिले हैं कि रूस की सेना पूर्वी यूक्रेन पर फोकस करने के लिए ताकत जुटा रही है। सेना की कथित वापसी किसी यूनिट को दूसरी जगह भेजे जाने की रणनीति हो सकती है, जिसके सहारे यूक्रेन की सेना को गुमराह किया जा रहा है।