ट्विटर ने टॉर नेटवर्क पर लॉन्च की अपनी वेबसाइट, रूस ब्लॉक को कर पाएगी बायपास
क्या है खबर?
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने टॉर (द अनियन राउटर) नेटवर्क पर अपनी वेबसाइट लॉन्च कर दी है।
ट्विटर के इस प्राइवेसी-प्रोटेक्टेड वर्जन का फायदा यह होगा कि यह रूस की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को बायपास करेगा।
यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस ने ट्विटर का ऐक्सेस रोक दिया है और नया टॉर वर्जन वहां लोगों की मदद करेगा।
टॉर नेटवर्क को खास तरह से डिजाइन किया जाता है और यह डार्क वेब से जुड़ा होता है।
घोषणा
सॉफ्टवेयर डिवेलपर ने दी जानकारी
ट्विटर के टॉर नेटवर्क पर आने की घोषणा सॉफ्टवेयर डिवेलपर और इंटरनेट सुरक्षा से जुड़े एलेक मफेट ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से की।
मफेट बड़ा नाम हैं और इससे पहले न्यू यॉर्क टाइम्स, विकीपीडिया और BBC न्यूज जैसी सेवाओं को टॉर नेटवर्क पर लाने में उनकी मदद कर चुके हैं।
एलेक ने बताया कि उन्होंने ट्विटर का टॉर वर्जन लाने के लिए भी कंपनी इंजीनियर्स और उनकी टीम की मदद की है।
जरूरत
रूसी सरकार की ओर से लगे बैन के बाद बदलाव
कंपनी की ओर से टॉर नेटवर्क पर इसकी सेवाएं देने का फैसला रूस में इसपर लगाए गए प्रतिबंध लेने के बाद किया गया है।
रूस ने मौजूदा हालात को देखते हुए देश में फेसबुक की सेवाओं पर आंशिक प्रतिबंध लगा दिया है।
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने रूस के कुछ मीडिया आउटलेट्स के अकाउंट ब्लॉक कर दिए थे।
इन अकाउंट्स से यूक्रेन में रूस की सेना भेजे जाने से जुड़ी खबरें और पोस्ट्स शेयर की जा रही थीं।
अंतर
सामान्य वेबसाइट से ऐसे अलग है टॉर वर्जन
सामान्य ट्विटर वेबसाइट को गूगल क्रोम, मोजिला फायरफॉक्स और टॉर नेटवर्क पर ऐक्सेस किया जा सकता है।
वहीं, .onion डोमेन को केवल टॉर नेटवर्क और ब्राउजर पर ही ऐक्सेस किया जा सकेगा।
अब ट्विटर वेबसाइट टॉर नेटवर्क पर आ गई है, जिसके बाद ट्रैफिक को टॉर एग्जिट नोड से होकर राउट नहीं करना होगा।
आसान भाषा में समझें तो यूजर और वेब सर्वर दोनों की पहचान छुपी रहेगी और वह अपना अकाउंट ऐक्सेस कर सकेगा।
तरीका
टॉर नेटवर्क पर ऐसे चला पाएंगे ट्विटर
अनियन सेवा के साथ नए ट्विटर वर्जन को ऐक्सेस करने के लिए यूजर्स को टॉर ब्राउजर डाउनलोड करना होगा।
इस ब्राउजर की मदद से यूजर्स ऐसी वेबसाइट्स ऐक्सेस कर सकते हैं, जिन्हें डार्क वेब का हिस्सा माना जाता है।
इन वेबसाइट्स के आखिर में .com के बजाय .onion सफिक्स लगा होता है।
टॉर ब्राउजर में सही लिंक डालने पर यूजर्स किसी मालिशियस पेज पर नहीं जाएंगे और ब्लॉक होने के बावजूद ट्विटर ऐक्सेस कर सकेंगे।
डार्क वेब
क्या है डार्क वेब और टॉर नेटवर्क का कनेक्शन?
डार्क वेब और टॉर नेटवर्क दोनों इंटरनेट का वो हिस्सा है, जो सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं है यानी साधारण यूजर इन्हें एक्सेस नहीं कर सकते।
इनको एक्सेस करने के लिए खास तरह के ब्राउजर की जरूरत होती है, जो काम टॉर ब्राउजर कर सकता है।
डार्क वेब भी टॉर की तरह जरूर है, लेकिन इसका संबंध छुपे हुए इंटरनेट के उस हिस्से से है, जिसका गलत ढंग से और अवैध कामों के लिए इस्तेमाल होता है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
ट्विटर का नाम पहले 'फ्रेंडस्टॉकर' रखा जाना था और लॉन्च के वक्त इसकी स्पेलिंग 'Twttr' लिखी गई थी। वहीं, कंपनी के नीली चिड़िया वाले लोगो का नाम 'लैरी' है। पहले तीन साल ट्विटर को एक डॉलर का भी रेवन्यू नहीं मिला था।