यूक्रेन ने रूस पर लगाया जेपोरजिया परमाणु संयंत्र के चार कर्मचारियों को बंधक बनाने का आरोप
क्या है खबर?
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध बुधवार को 14वें दिन भी जारी है। रूस की सेना लगातार राजधानी कीव की ओर बढ़ती जा रही है। इससे जान और माल का भारी नुकसान हो रहा है।
इसी बीच यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री हरमन हलुशेंको ने रूस के सेना पर जेपोरजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के चार कर्मचारियों को पिछले चार दिनों से बंधक बनाए रखने और उन पर बयान देने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
चेतावनी
ऊर्जा मंत्री ने लगाया कर्मचारियों पर झूठा बयान देने का दबाव बनाने का आरोप
ऊर्जा मंत्री हलुशेंको ने एक वीडियो के माध्यम से दिए गए अपने बयान में कहा, "रूसी सेना ने अपने आक्रमण को सही ठहराने और यूक्रेन पर लगाए गए परमाणु बम बनने के आरोप को सिद्ध करने के लिए जेपोरजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के चार कर्मचारियों बंधक बना रखा है।"
उन्होंने कहा, "रूसी सेना चारों कर्मचारियों पर परमाणु बम बनाने का बयान देने का दबाव बना रही है। ऐसे में यह पूरी तरह से रूस की बड़ी साजिश है।"
चेतावनी
ऊर्जा मंत्री ने दी परमाणु ऊर्जा संयंत्र को लेकर बड़ी चेतावनी
ऊर्जा मंत्री हलुशेंको ने पूरे यूरोप को चेतावनी देते हुए कहा, "रूसी सेना के ऊर्जा संयंत्र पर कब्जे के बाद यदि वहां कोई खराबी आती है तो पूरे यूरोप के लोगों को रेडिएशन के खतरे से बचने के लिए अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित बंकरों में जाने को मजबूर होना पड़ेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें एकसाथ मिलकर रूस के परमाणु आतंकवाद को रोकना होगा। हमें बहुत अधिक देर होने से पहले तत्काल इसके लिए ठोस कदम उठाना होगा।"
अपील
ऊर्जा मंत्री ने की 'नो फ्लाई जोन' घोषित करने की अपील
ऊर्जा मंत्री हलुशेंको ने कहा, "वर्तमान में परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 500 से अधिक रूसी सैनिक मौजूद है और उनके पास खतरनाक हथियार भी उपलब्ध हैं। रूसी सैनिक बंधक बनाए गए कर्मचारियों को बयान देने के लिए लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। इससे कर्मचारी शारीरिक और मानसिक रूस से टूट गए हैं।"
उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से परमाणु संयंत्र को रूस के कब्जे से आजाद कराने और यूक्रेन में नो फ्लाई जोन घोषित करने की अपील की है।
पृष्ठभूमि
रूस ने 4 मार्च को किया था परमाणु संयंत्र पर हमला
बता दें कि रूस ने 4 मार्च को यूरोप के सबसे बड़े जेपोरजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर चारों तरफ से हमला कर दिया था। जिसके कारण उसमें आग लग गई थी।
उसके बाद इंटरनेशन एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने भी रूस से जेपोरजिया परमाणु संयंत्र पर हमला रोकने की अपील करते हुए चेतावनी दी थी कि अगर रिएक्टर पर हमला होता है तो इससे गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। हालांकि, बाद में आग पर काबू पा लिया गया था।
अन्य
रूस के हवाई हमले से सुमी में हुई 22 लोगों की मौत
इधर, अस्थायी सीजफायर का समय खत्म होने के साथ ही रूस की सेना ने सुमी शहर पर फिर से हमले करना शुरू कर दिया है।
सूमी क्षेत्रीय राज्य प्रशासन के प्रमुख दिमित्रो ज़्यवित्स्की ने कहा कि रूसी सेना द्वारा शहर पर किए गए हवाई हमलों में अब तक तीन बच्चों सहित 22 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसी तरह पूर्वी यूक्रेन के सेवेरोडोनेस्टक में रूस की ओर से की गई गोलीबारी में 10 लोगों की मौत हुई है।
तैयारी
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कही NATO में शामिल होने की मांग छोड़ने की बात
इधर, रूस के बढ़ते हमलों को देखते हुए राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि उनका देश NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) में शामिल होने की मांग छोड़ने को तैयार है।
इसके अलावा वह रूस द्वारा स्वतंत्र घोषित किए दो क्षेत्रों की स्थिति पर 'समझौता' करने को भी तैयार नजर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि NATO यूक्रेन को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। ऐसे में उन्होंने इस इच्छा को त्याग दिया था।