यूक्रेन युद्ध से पहले व्लादिमीर पुतिन ने मुझे दी थी मिसाइल हमले की धमकी- बोरिस जॉनसन
क्या है खबर?
यूनाइटेड किंगडम (UK) के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दावा किया है कि यूक्रेन पर हमला करने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें मिसाइल से निशाना बनाने की धमकी दी थी।
सोमवार को प्रसारित होने वाली ब्रिटिश प्रसारक BBC की एक डॉक्यूमेंट्री से यह जानकारी मिली है। जॉनसन के पास यह धमकी एक फोन कॉल के जरिये आई थी। बता दें कि जॉनसन ने पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
धमकी
पुतिन ने जॉनसन को क्या कहा था?
यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले पुतिन ने जॉनसन से बातचीत की थी। जॉनसन ने बताया, "एक मौके पर उन्होंने मुझे धमकी दी और कहा कि बोरिस मैं आपको नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता, लेकिन एक मिसाइल से सिर्फ एक मिनट लगेगा।"
उन्होंने आगे बताया कि जिस आराम और बिना भाव के पुतिन बात कर रहे थे, उससे ऐसा लग रहा था कि वह केवल उन्हें बातचीत की मेज तक लाने की कोशिशों के प्रति औपचारिकता निभा रहे थे।
भरोसा
NATO की सदस्यता को लेकर रूस को किया था आश्वस्त- जॉनसन
UK के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि युद्ध शुरू होने से पहले उन्होंने पुतिन को बताया था कि यूक्रेन के जल्दी NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) में शामिल होने की संभावना नहीं है।
इसके साथ ही पुतिन को चेताया गया था कि अगर वो यूक्रेन पर हमला करते हैं तो इसका मतलब रूस की सीमा पर अधिक NATO सेना की तैनाती होगी।
बता दें कि रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन NATO में शामिल हो।
जानकारी
जॉनसन की बात का पुतिन ने क्या जवाब दिया?
जॉनसन की बात पर पुतिन ने उनसे पूछा कि यूक्रेन जल्दी NATO में शामिल नहीं हो रहा। यहां जल्दी का क्या मतलब है? इसके जवाब में जॉनसन ने कहा था कि निकट भविष्य में यूक्रेन NATO में शामिल नहीं होगा और यह आप जानते हैं।
यूक्रेन युद्ध
NATO से यूक्रेन की बढ़ती नजदीकियां रहीं मुख्य कारण
यूक्रेन का NATO के करीब जाना रूस को पंसद नहीं आ रहा था और युद्ध शुरू होने के पीछे के मुख्य कारणों में से यह भी एक प्रमुख कारण था।
युद्ध से पहले बातचीत के दौरान पुतिन ने कानूनी गारंटी मांगी थी कि यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं कराया जाएगा।
उन्होंने पूर्वी यूरोप और रूस के पड़ोसी देशों में NATO की सैन्य गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग भी की थी।
वजह
रूस के NATO से चिढ़ने की वजह क्या है?
दरअसल, NATO का गठन रूस (तब सोवियत संघ) को देखते हुए ही किया गया था और इसका सबसे प्रमुख लक्ष्य सोवियत संघ के विस्तार को रोकना था।
NATO का जब गठन हुआ, वो शीत युद्ध की शुरूआत का समय था और दुनिया अमेरिका और सोवियंत के दो धड़ों में बंटी हुई थी।
NATO के तहत सोवियत संघ के आसपास कई सैन्य ठिकाने बनाए गए जो सैन्य संघर्ष की स्थिति में निर्णायक साबित हो सकते थे।
यूक्रेन युद्ध
24 फरवरी, 2022 से जारी है युद्ध
यूक्रेन और रूस के बीच पिछले साल 22 फरवरी से युद्ध जारी है और इसे एक साल का समय पूरा होने वाला है। इस दौरान दोनों देशों के हजारों नागरिक हताहत हुए हैं और हजारों की संख्या में ही सैनिकों की मौत हुई है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त कार्यालय के मुताबिक, इस साल 3 जनवरी तक युद्ध में 18,358 नागरिक हताहत हो चुके थे। इनमें से 7,031 लोगों की मौत हुई, जबकि 11,327 लोग घायल हुए।