व्लादिमीर पुतिन का रूस में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती का आदेश, अमेरिका को भी दी चेतावनी
क्या है खबर?
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को सात महीने बीत गए हैं, लेकिन इसका कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है।
इसके उलट रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने रुख को और आक्रामक कर लिया है।
यही कारण है कि उन्होंने बुधवार को देश के नाम संबोधन में रूस में आंशिक सैन्य लामबंदी (अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती) का आदेश देने के साथ अमेरिका और NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) को परमाणु हमला करने की भी चेतावनी दी है।
स्पष्ट
लोगों की सुरक्षा के लिए करेंगे सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग- पुतिन
पुतिन ने आंशिक सैन्य लामबंदी की डिक्री पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि यह फैसला मातृभूमि, इसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए लिया गया है। यदि देश की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पैदा होता है तो वह अपने लोगों की रक्षा के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि फिलहाल तीन लाख रिजर्व सैनिकों को तैयार रहने के आदेश दिए हैं। इसके बाद आवश्यकता पड़ने पर अन्य सैनिकों को तैयार किया जाएगा।
मतलब
आंशिक सैन्य लामबंदी का क्या है मतलब?
आंशिक सैन्य लामबंदी का मतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध कुछ और समय तक जारी रहेगा। पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की सहायता के लिए और सैनिकों को तैनात करेंगे। पहली बार में प्रशिक्षित और अनुभवी सैनिकों को मोर्चे पर भेजा जाएगा। इसी तरह कुछ सैन्य विशिष्टताओं और प्रासंगिक अनुभव रखने वाले नागरिकों की सेना में भर्ती की जाएगी।
उन्होंने कहा कि रूस पूर्वी यूक्रेन के रूसी भाषी लोगों की सुरक्षा के लिए सबकुछ करेगा।
चेतावनी
अमेरिका और NATO को दी चेतावनी
अपने संबोधन में पुतिन ने अमेरिका और NATO को परमाणु युद्ध की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पश्चिमी देश परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर ब्लैकमेल करेंगे तो रूस भी अपनी मिसाइलों के जरिए पूरी ताकत से जवाब देगा।
उन्होंने कहा कि परमाणु हमले की चेतावनी कोई ड्रामा नहीं है। रूस पर खतरा नजर आया तो वह परमाणु हमला करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उनका उद्देश्य पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को मुक्त करना था।
जानकारी
पुतिन ने पश्चिमी देशों पर लगाया सीमा पार करने का आरोप
पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने सीमा पार कर ली है। वो रूस को कमजोर करना चाहते हैं। रूस को विभाजित और नष्ट करने का आह्वान किया जा रहा है, लेकिन वो समझ लें कि रूस के पास हथियारों की कोई कमी नहीं है।
तैयारी
पूर्वी यूक्रेन में जनमत संग्रह की तैयारी में हैं पुतिन
पुतिन ने यूक्रेन के कब्जाए इलाके में जनमत संग्रह का भी ऐलान किया है। 23 सितंबर को डोनेत्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरेजिया में रहने वाले लोग रूस में शामिल होने के लिए वोट करेंगे।
इस इसाके में रूसी भाषी लोगों की संख्या ज्यादा है। इन इलाकों पर रूस के कब्जे का मतलब यूक्रेन का आर्थिक रूप से कमजोर होना है।
रूस के कब्जाए इलाके में यूक्रेन के दो औद्योगिक शहर और यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र आ गया है।