किसान आंदोलन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री को भारत नहीं आने देना चाहते प्रदर्शनकारी, सांसदों को लिखेंगे पत्र
क्या है खबर?
तीन कृषि कानूनों को लेकर पिछले 28 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान और सरकार के बीच अब तक बात नहीं बन पाई।
ऐसे में किसानों ने आंदोलन को तेज करने का फैसला किया है और इसकी योजना भी बना ली गई है।
इसी बीच किसानों ने हरियाणा के टोल फ्री कराने तथा यूनाटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भारत आने से रोकने के लिए वहां के सांसदों को पत्र लिखने का निर्णय किया है।
पृष्ठभूमि
यह है किसानों के विरोध का मूल कारण
सितंबर में लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे किसानों ने गत 25 नवंबर से अपने आंदोलन को तेज कर दिया था। उन्होंने सरकार के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया था।
किसानों को डर है कि APMC मंडियों के बाहर व्यापार की अनुमति देने वाले कानून मंडियों को कमजोर कर देंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलेगा। इसके चलते कॉरपोरेट जगह के लोग किसानों का शोषण करेंगे।
भूख हड़ताल
सरकार से बात नहीं बनने पर किसानों ने शुरू की भूख हड़ताल
सरकार और किसानों में अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी हैं और सभी बेनतीजा रही हैं। किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं, सरकार संशोधन करने को तैयार है।
इधर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर प्रदर्शन करे रहे किसानों ने सोमवार सुबह से एक दिन की भूख हड़ताल शुरू कर दी।
किसान नेताओं के अनुसार प्रदर्शन कर रहे किसान अलग-अलग समूहों में भूख-हड़ताल करेंगे और प्रत्येक समूह में 11 लोग होंगे।
प्रस्ताव
सरकार ने किसानों को फिर भेजा वार्ता का प्रस्ताव
किसानों की भूख हड़ताल पर सरकार ने सोमवार को किसानों को फिर से वार्ता का प्रस्ताव भेजकर तारीख निर्धारित करते हुए विज्ञान भवन बुलाया था।
इसी तरह मंगलवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से वार्ता की अपील की है।
इसके बाद किसानों ने मंगलवार को बैठक आयोजित कर सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने का निर्णय किया और आंदोलन को तेज करने की रणनीति पर भी चर्चा की। ऐसे में गेंद अब किसानों के पाले में है।
बयान
फ्री कराएंगे हरियाणा के टोल प्लाजा- संधू
इंडिया टुडे के अनुसार किसानों की बैठक के बाद किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा, "आज की बैठक में सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा सभी किसान आगामी 26 से 28 दिसंबर तक हरियाणा के सभी टोल प्लाजा को फ्री कराएंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "25 और 26 दिसंबर को पंजाबी समुदाय के लोग भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करेंगे और बुधवार को लॉस एंजिल्स से इसकी शुरुआत की जाएगी।"
बयान
हिंदू वोटों को मजबूत करने के लिए हटाया अनुच्छेद-370
संधू ने कहा, "सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने का कार्य हिंदू वोट बैंक को मजबूत करने के लिए किया था, लेकिन बनाए गए तीनों कृषि कानून देश के 'अन्नदाता' के पूरी तरह से खिलाफ हैं।"
योजना
UK के प्रधानमंत्री को भारत आने से रोकने के लिए लिख रहे हैं पत्र- संधू
संधू ने कहा कि सरकार ने गणतंत्र दिवस पर UK के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। ऐसे में सभी किसान संघ ब्रिटिश सांसदों को पत्र लिख रहे हैं। इस पत्र में किसानों की मांगे नहीं माने जाने तक UK के प्रधानमंत्री को भारत आने से रोकने की मांग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानूनों पर चर्चा से बचने के लिए संसद का शीतकालीन सत्र भी नहीं बुला रही है।
विरोध
बड़ी संख्या में प्रदर्शन में शामिल होने आ रहे हैं किसान- संधू
संधू ने बताया कि सरकार कह रही है कि आंदोलन पंजाब और हरियाणा तक ही सीमित है, लेकिन अब देश के हर कोने से किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 5,000 किसानों का दल महाराष्ट्र के नासिक से रवाना हो गया है। ये किसान 24 दिसंबर को राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर आयोजित होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। इसी तरह अन्य राज्यों से भी किसान दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं।