#NewsBytesExplainer: अमेरिका में यूक्रेन युद्ध समेत क्या-क्या खुफिया जानकारी लीक हुईं और ये किसने लीक कीं?
अमेरिका में रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी गोपनीय जानकारी समेत कई खुफिया दस्तावेज लीक हुए हैं। इसके बाद अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (FBI) ने 21 साल के जैक टेक्सीरा को गिरफ्तार किया है। जैक मैसाचुसेट्स एयर नेशनल गार्ड की खुफिया शाखा का सदस्य है। अमेरिका के अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने इस बात की पुष्टि की है। पेंटागन ने कहा है कि जानबूझकर गोपनीय दस्तावेजों को लीक किया गया, जो आपराधिक कृत्य है। आइए समझते हैं पूरा मामला क्या है।
कौन हैं जैक?
जैक पेशे से इंजीनियर हैं। एयर नेशनल गार्ड शाखा में वे केबल के रखरखाव के अलावा मिलिट्री कम्युनिकेशन नेटवर्क की देखरेख करते हैं। जैक खुद सैनिक परिवार से आते हैं। उनके सौतेल पिता भी 34 साल सेना में रहे हैं। वर्तमान में जिस मिलिट्री बेस पर जैक की तैनाती थी, वहीं पर उनके सौतेले भाई भी तैनात हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मां डाइटन में फूल और गुलदस्ते बेचने का कारोबार करती हैं।
जैक ने कैसे लीक किए दस्तावेज?
AP की रिपोर्ट के मुताबिक, ये दस्तावेज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डिस्कॉर्ड पर लीक हुए थे। ये प्लेटफॉर्म गेमर्स के बीच काफी पॉपुलर है। जैक ने इसके लिए शेकर सेंट्र्ल नाम से ग्रुप बनाया था, जिसमें 24 लोग थे। इस ग्रुप में जैक ने लोगों को शिक्षित करने के बहाने से ये जानकारी शेयर की थी। ग्रुप में ज्यादातर लोग कम उम्र के थे, जिनकी रूचि बंदूकों और सेना से जुड़ी जानकारी में थी।
लीक हुए दस्तावेजों में क्या जानकारी है?
अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने सबसे पहले दस्तावेज लीक होने की जानकारी दी थी। इसके मुताबिक, दस्तावेजों में यूक्रेन में भेजे जाने वाले अमेरिकी हथियारों और चार्ट की फोटो हैं। इनमें यूक्रेन के शहर बखमुत में युद्ध की स्थिति दिखाने वाला एक नक्शा भी है। बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध में बखमुत 6 महीने से लड़ाई का केंद्र रहा है। इसमें यूक्रेन के HIMARS रॉकेट सिस्टम का भी जिक्र है, जिसने रूसी सेना को खासा नुकसान पहुंचाया है।
सैनिकों की ट्रेनिंग को लेकर भी जानकारी
दस्तावेजों में कहा गया है कि यूक्रेन की 12 लड़ाकू ब्रिगेड्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। इनमें से 9 को अमेरिका और NATO देश ट्रेनिंग दे रहे हैं। इन 9 में से 6 ब्रिगेड की ट्रेनिंग 31 मार्च तक पूरी हो जाएगी। इन दस्तावेजों में यूक्रेन युद्ध में मारे गए सैनिकों के भी आंकड़े हैं। इसके मुताबिक, अब तक 16,500 से 17,500 रूसी सैनिक मारे गये हैं, जबकि 71,500 यूक्रेनी सैनिकों की मौत हुई है।
दस्तावेजों में खुलासा- रूस के आगे यूक्रेनी सैनिक कमजोर
दस्तावेजों के मुताबिक, अमेरिका का मानना है कि युद्ध में यूक्रेन को मामूली सफलता मिल रही है। यूक्रेन के हथियार और एयर डिफेंस कमजोर हैं, जिसकी वजह से जंग में गतिरोध की स्थिति बन सकती है।
NATO सेनाओं की तैनाती के बारे में भी जानकारी
23 मार्च को जारी हुए एक दस्तावेज में बताया गया है कि यूक्रेन में NATO और पश्चिमी देशों के विशेष बल मौजूद हैं। इनमें सबसे बड़ी फौज ब्रिटेन की है, जिसकी 50 टुकड़ियां तैनात हैं। इसी तरह लातविया की 17, फ्रांस की 15, अमेरिका की 14 और नीदरलैंड की एक टुकड़ी यूक्रेन में तैनात है। दस्तावेजों में यूक्रेन को पश्चिमी देशों से मिल रहे टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां और दूसरे साजो-सामान की भी जानकारी है।
रूस को 40,000 रॉकेट भेजने की तैयारी में मिस्र
वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, इन दस्तावेजों में बताया गया है कि मिस्र जल्द ही रूस को जंग के लिए 40,000 रॉकेट भेजने वाला है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने अपने सैन्य अधिकारियों के साथ इस संबंध में एक बैठक भी की है। अखबार ने एक अधिकारी के हवाले से कहा कि अल सीसी जरूरत पड़ने पर लोगों को शिफ्ट में काम करने का आदेश देने को तैयार है, ताकि रूस को जल्द मदद भेजी जा सके।
इजरायल को लेकर भी विवादित खुलासे
लीक हुए दस्तावेजों में इजरायल को लेकर भी विवादित जानकारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक दस्तावेज में कहा गया है कि हाल ही में नेतन्याहू सरकार के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने बढ़ावा दिया था। ये प्रदर्शन नेन्याहू सरकार की न्यायापलिका पर नियंत्रण कड़ा करने की योजना के खिलाफ हुए थे। हालांकि, नेतन्याहू सरकार ने इन खबरों को झूठा और बेबुनियाद बताया है।