रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े अमेरिका के गोपनीय दस्तावेज लीक होने से हड़कंप, जांच के आदेश
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) के कुछ गोपनीय दस्तावेज सोशल मीडिया साइट्स पर लीक हो गए हैं। इसमें रूस के खिलाफ अमेरिका और NATO की कई गोपनीय योजनाओं का जिक्र है। इस मामले पर अब अमेरिका के न्याय विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच इस पहलू से की जाएगी कि क्या दस्तावेज वाकई लीक हुए हैं और अगर लीक हुए हैं तो उनमें किसी तरह की छेड़छाड़ की गई है या नहीं।
लीक हुए दस्तावेजों में क्या जानकारियां हैं?
दस्तावेज लीक होने की जानकारी सबसे पहले अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दी थी। इसके मुताबिक, दस्तावेजों में यूक्रेन में भेजे जाने वाले अमेरिकी हथियारों और चार्ट की तस्वीरे हैं। दस्तावेजों में कहा गया है कि यूक्रेन की 12 लड़ाकू ब्रिगेड्स को ट्रेनिंग दी जाएगी, इनमें से 9 को अमेरिका और NATO देश ट्रेनिंग दे रहे हैं। इन 9 में से 6 ब्रिगेड की ट्रेनिंग 31 मार्च तक पूरी हो जाएगी।
हथियारों और युद्ध की जगहों के बारे में जानकारी
इन दस्तावेजों में अमेरिकी सेना और बटालियन को लेकर भी जानकारी है। दस्तावेजों में यूक्रेन की सेना को दिए गए हथियारों की भी जानकारी है। इसमें HIMARS रॉकेट सिस्टम का भी जिक्र है, जिसने रूसी सेना को खासा नुकसान पहुंचाया है। यूक्रेन के शहर बखमुत में युद्ध की स्थिति दिखाने वाला एक नक्शा भी है। बता दें कि बखमुत 6 महीने से भयंकर लड़ाई का केंद्र रहा है। सभी दस्तावेजों पर 23 फरवरी से 1 मार्च की तारीख है।
अमेरिका को दस्तावेजों में हेरफेर का शक
इन दस्तावेजों में यूक्रेन युद्ध में हताहत हुए सैनिकों के भी आंकड़े हैं। इसके मुताबिक, अब तक 16,500 से 17,500 रूसी सैनिक मारे गये हैं, जबकि 71,500 यूक्रेनी सैनिकों की मौत हुई है। वहीं, अमेरिका का कहना है कि युद्ध में 2 लाख रूसी सैनिक मारे गये हैं या घायल हुए हैं, जबकि यूक्रेन के लिए ये आंकड़ा दोगुना है। अमेरिका का कहना है कि आंकड़ों में हेरफेर रूस के दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा हो सकती है।
मामले पर अमेरिका का क्या कहना है?
बाइडन प्रशासन ने मामले को सुरक्षा में चूक मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं। पेंटागन की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने कहा, "हम सोशल मीडिया पोस्ट की रिपोर्टों से अवगत हैं और विभाग मामले की समीक्षा कर रहा है।" उन्होंने कहा कि रक्षा विभाग ने जांच के लिए न्याय विभाग को जानकारी दे दी है। वहीं, न्याय विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि वह इस मामले में रक्षा विभाग के संपर्क में हैं और जांच शुरू कर दी है।