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#NewsBytesExplainer: इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?
इजरायल में नेतन्याहू सरकार के खिलाफ जारी हैं प्रदर्शन

#NewsBytesExplainer: इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?

Mar 27, 2023
07:52 pm

क्या है खबर?

इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ पिछले एक महीने से हजारों लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। नेतन्याहू ने रविवार को रक्षा मंत्री योआव गैलैंट को उनके पद से बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद यह प्रदर्शन और तेज हो गए। नेतन्याहू सरकार देश की न्यायिक व्यवस्था में बड़े बदलाव लाना चाहती है, जबकि विरोधियों ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया है। आइए समझते हैं कि इजरायल में यह प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं।

कानून 

प्रस्तावित कानून में क्या है?

प्रस्तावित कानून का नाम 'ओवरराइड बिल' है। इसके संसद से पारित होने और लागू होने पर इजरायल की संसद को देश की सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को पलटने का अधिकार मिल जाएगा। प्रस्तावित कानून के लागू होने पर संसद में बहुमत रखने वाली पार्टी सुप्रीम कोर्ट के किसी भी फैसले को आसानी से पलट सकेगी। इसके विपरीत सरकार के किसी भी कानून की समीक्षा करने या रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ताकत सीमित हो जाएगी।

कानून 

बिल में और क्या प्रावधान हैं?

इजरायल में वर्तमान में एक स्वतंत्र समिति जजों की नियुक्ति करती है, जिसमें वकील, विपक्षी नेता और रिटायर्ड जज शामिल होते हैं। नए बिल के जरिए नेतन्याहू इस पर केवल अपना नियंत्रण चाहते हैं। देशभर में भारी विरोध के बावजूद नेतन्याहू के नियंत्रण वाली संसदीय समिति ने बदलाव की योजना से जुड़े कानून के शुरुआती हिस्सों को पारित कर दिया है। इसमें नेतन्याहू सरकार को न्यायिक नियुक्तियां करने से संबंधित अधिकार देने से जुड़ा एक अहम प्रस्ताव भी शामिल है।

कार्रवाई 

रक्षा मंत्री को क्यों किया गया बर्खास्त?

रक्षा मंत्री योआव गैलैंट ने शनिवार को न्यायिक व्यवस्था में बदलाव के खिलाफ अपनी बात रखी थी। उन्होंने कहा था कि इजरायल सेना के सदस्‍य इस प्रस्‍तावित कानून से नाराज हैं और इससे सेना में विरोध बढ़ सकता है। इस पर नेतन्याहू ने गैलेंट पर अविश्वास जताते हुए उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया था। प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू तमाम विरोध के बावजूद इस सप्ताह के अंत तक बिल पारित करवाना चाहते हैं।

बयान 

मामले पर नेतन्याहू सरकार का क्या पक्ष है?

नेतन्याहू और सरकार में उनके सहयोगियों का कहना है कि इजरायल में अनिर्वाचित जजों के पास बहुत ज्यादा ताकत है, जिस पर काबू किया जाना जरूरी है। सरकार के प्रस्ताव का समर्थन कर रहे लोगों के मुताबिक, न्यायपालिका अपनी सीमा से पार जाकर देश को चला रही है। न्यायपालिका में बदलाव की इस योजना के कारण इजरायल 75 वर्षों में पहली बार सबसे बुरे लोकतांत्रिक संकट का सामना कर रहा है।

आरोप 

विपक्ष का मामले पर क्या कहना है?

विपक्ष का आरोप है कि न्यायपलिका में बदलाव की योजना के पीछे नेतन्याहू का खुद का स्वार्थ छिपा हुआ है और नेतन्याहू इस योजना की आड़ में खुद पर चल रहे आपराधिक मामलों को खत्म करना चाहते हैं। आलोचकों का कहना है कि न्यायिक व्यवस्था में बदलाव होने पर देश का लोकतांत्रिक ढांचा नष्ट हो जाएगा और सरकारी संस्थाओं के कामकाज की निगरानी करने के लिए मौजूद लोकतांत्रिक व्यवस्था भी खत्म हो जाएंगी।

प्रदर्शन 

प्रदर्शनों में क्या हो रहा है?

इजरायल सरकार के खिलाफ पिछले एक महीने से देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन जारी हैं। इन प्रदर्शनों में विपक्षी नेताओं के अलावा बड़े स्तर पर छात्र, सरकारी कर्मचारी और महिलाएं भी शामिल हो रही हैं। लोग इस दौरान हाथ में इजरायल के झंडे लेकर लोकतंत्र को बचाने के लिए नारेबाजी कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को बंद करने के अलावा कुछ जगहों पर टायरों में आग भी लगाई है।

आरोप 

बिल के पीछे नेतन्याहू की असली मंशा क्या है?

बिल के पीछे नेतन्याहू की मंशा समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि उनके ऊपर भ्रष्टाचार के कई मुकदमे चल रहे हैं। उन पर धोखाधड़ी और घूस लेने जैसे कई गंभीर आरोप हैं। आरोपों के अनुसार, उन्होंने सिगार और शैंपेन जैसी चीजों को घूस के तौर पर लिया और खबर प्रकाशित करने के बदले मीडिया के लोगों को राजनीतिक लाभ प्रदान किया। आरोपों के कारण 2019 में नेतन्याहू को प्रधानमंत्री पद छोड़कर अन्य सभी विभागों को छोड़ना पड़ा था।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस

अमेरिका ने इजरायल में जारी प्रदर्शनों पर चिंता जताई है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि अमेरिका और इजरायल के रिश्ते लोकतांत्रिक भावना से जुड़े हैं और इजरायल को जल्द से जल्द मामले का समाधान करना चाहिए।