यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने की प्रधानमंत्री मोदी से बात, मांगा भारत का सहयोग
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत की G-20 अध्यक्षता पर चर्चा की। जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी से 10- सूत्रीय शांति योजना पर सहयोग मांगा और युद्ध के दौरान यूक्रेन की मदद के लिए उनका धन्यवाद दिया। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से यूक्रेन में भारतीय छात्रों की पढ़ाई जारी रखने के इंतजाम करने को कहा। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस साल दोनों नेताओं के बीच चौथी बार बातचीत
जेलेंस्की और प्रधानमंत्री मोदी के बीच यह इस साल चौथी बातचीत है। यूक्रेन युद्ध के बीच जेलेंस्की ने अमेरिका से लौटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर चर्चा की है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की भारत की G-20 अध्यक्षता सफल रहने की कामना की। इसी मंच पर उन्होंने शांति फॉर्मूले का ऐलान किया था और अब वो इसे लागू कराने में भारत की मदद चाहते हैं।
किस शांति फॉर्मूले की बात कर रहे हैं जेलेंस्की?
जेलेंस्की ने बाली G-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक शांति फॉर्मूला सुझाया था। इसमें परमाणु सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, सभी कैदियों और निर्वासित व्यक्तियों की रिहाई, संयुक्त राष्ट्र चार्टर का क्रियान्वन, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और वैश्विक व्यवस्था की बहाली, रूस सैनिकों की वापसी और शत्रुता की समाप्ति, न्याय की बहाली, आर्थिक दमन का मुकाबला, युद्ध को बढ़ावा देने से रोकना और आखिर में युद्ध की समाप्ति की पुष्टि करना शामिल था।
प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा में क्या कहा?
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से बातचीत के दौरान तत्काल शत्रुता की समाप्ति पर जोर देते हुए कहा कि दोनों पक्षों को चर्चा और कूटनीतिक रास्तों से अपने मतभेदों का समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने शांति बहाली में भारत की मदद की भी पेशकश की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में पढ़ने वाले हजारों भारतीय छात्रों की पढ़ाई को लेकर भी अपनी चिंता जेलेंस्की से साझा की।
इसलिए भी महत्वपूर्ण है मोदी-जेलेंस्की की बातचीत
भारत इस साल G-20 की अध्यक्षता कर रहा है और सितंबर में होने वाले शिखर सम्मेलन का एजेंडा निर्धारित करने के लिए बैठकें शुरू हो चुकी हैं। विदेश मंत्रालय की तरफ से यह नहीं बताया गया है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है या नहीं। हालांकि, भारत ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और G-20 सम्मेलन के लिए आमंत्रित कर लिया है।
युद्ध को लेकर क्या रहा है भारत का रूख?
भारत ने कई मौकों पर यूक्रेन और रूस से युद्ध छोड़कर बातचीत और कूटनीति की मेज पर लौटने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को कहा था कि यह युग युद्ध का युग नहीं है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में आए रूस की आलोचना वाले प्रस्तावों से भारत ने हमेशा दूरी बनाए रखी है। इसे लेकर उसे पश्चिमी देशों की आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है। दूसरी तरफ भारत ने यूक्रेन को भी मानवीय सहायता उपलब्ध कराई है।
24 फरवरी से जारी है यूक्रेन युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से युद्ध जारी है और इसे 10 महीने से अधिक का समय हो गया है। इस दौरान वैश्विक समुदाय ने कई मौकों पर पुतिन से युद्ध को समाप्त करने का ऐलान किया है, लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण अभी भी जारी है। इस युद्ध में दोनों तरफ हजारों सैनिकों की मौत हुई है और लाखों यूक्रेनियन नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है। युद्ध के चलते रूस पर कई प्रतिबंध भी लग चुके हैं।