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दिल्ली शराब नीति घोटाला: CBI और ED की नजर में कौन-कौन हैं मामले के आरोपी?
CBI और ED कर रही हैं दिल्ली शराब नीति मामले की जांच (तस्वीर- पिक्साबे)

दिल्ली शराब नीति घोटाला: CBI और ED की नजर में कौन-कौन हैं मामले के आरोपी?

Mar 20, 2023
07:30 pm

क्या है खबर?

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले की जांच कर रही हैं। दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों ने मामले में अब तक कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शामिल हैं। वहीं भारत राष्ट्र समिति की नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता से पूछताछ की जा रही है। आइए जानते हैं कि घोटाले में कौन-कौन आरोपी है।

मामला 

क्या है शराब नीति से संबंधित मामला?

दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इसमें अनियमितताओं की आशंका जताते हुए मामले की CBI जांच कराने की सिफारिश की थी। जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। CBI ने अपनी जांच के बाद मामले में सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी। CBI की FIR के आधार पर ED ने भी मामले में मुकदमा दर्ज किया था।

परिचय 

मनीष सिसोदिया 

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लंबे समय से AAP से जुड़े रहे हैं और पार्टी में उनका कद अरविंद केजरीवाल के बाद है। इस्तीफा देने से पहले सिसोदिया दिल्ली सरकार में करीब 18 विभाग संभाल रहे थे। सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है। उन पर विदेशी शराब की कीमत में बदलाव करने और बीयर से आयात शुल्क हटाने का भी आरोप है।

परिचय

के कविता

के कविता निजामाबाद से विधान परिषद की सदस्य हैं। वह निजामाबाद लोकसभा सीट से 2014 में सांसद चुनी गई थीं। ED का आरोप है कि इंडोस्पिरिट्स में कविता की 65 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस हिस्सेदारी को पाने के लिए कविता और AAP के बीच एक सौदा हुआ था, जिसमें कविता ने 100 करोड़ रुपये देकर यह हिस्सेदारी खरीदी थी। यह बात कविता के पूर्व सहयोगी अरुण रामचंद्र पिल्लई ने पूछताछ में बताई थी।

परिचय

विजय नायर

ED की चार्जशीट में लंबे समय तक आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े रहे विजय नायर का नाम शामिल है। नायर 'ओनली मच लाउडर' नामक एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) भी रह चुके हैं। उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता है। नायर पर दिल्ली शराब नीति घोटाले की साजिश रचने और उसका सूत्रधार होने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

परिचय 

दिनेश अरोड़ा

कारोबारी दिनेश अरोड़ा दिल्ली के रेस्टोरेंट उद्योग में एक जाना-माना नाम हैं। उन्होंने दिल्ली के हौज खास में एक कैफे के साथ अपने व्यापार की शुरुआत की थी। वह नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के सदस्य भी हैं। उनको सिसोदिया का करीबी माना जाता है। आरोप है कि अरोड़ा विजय नायर और साउथ ग्रुप के बीच हुईं कई बैठकों में शामिल हुए थे। हालांकि, बाद में अरोड़ा सरकारी गवाह बन गए थे।

परिचय 

समीर महेंद्रू 

देश के बड़े शराब कारोबारी के तौर पर पहचान रखने वाले समीर महेंद्रू शराब कंपनी इंडोस्पिरिट्स के मालिक हैं। महेंद्रू 2013 के एक मामले में CBI के गवाह रहे थे, जिसमें दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (DSIIDC) के दो अधिकारियों को दोषी पाया गया था। कथित तौर पर सिसोदिया के करीबी माने जाने वाले महेंद्रू शराब नीति बनाने वालों में शामिल थे। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में छापेमारी भी की थी।

परिचय

अरुण रामचंद्रन पिल्लई

हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई साउथ ग्रुप से जुड़े हैं। वह इस कंपनी में कथित रूप से के कविता के फ्रंटमैन की भूमिका निभाते थे। CBI ने कहा था कि पिल्लई ने शराब कंपनी इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू से AAP के प्रचार प्रभारी विजय नायर के जरिए अनुचित आर्थिक लाभ एकत्र किया था। आरोप है कि पिल्लई को इंडोस्पिरिट्स में 30 प्रतिशत से अधिक के शेयर दिए गए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

परिचय 

'साउथ ग्रुप' पर भी लगे हैं आरोप 

ED मामले की मनी लॉन्ड्रिंग के नजरिये से जांच कर रही है। उसका आरोप है कि सिसोदिया के सहयोगियों ने दिल्ली में शराब लाइसेंस के लिए 'साउथ ग्रुप' से लगभग 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी और AAP ने इसका इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में किया। साउथ ग्रुप में के कविता, अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर सरथ रेड्डी और YSR कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी समेत अन्य लोग शामिल शामिल हैं।

नीति

क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति?

दिल्ली सरकार अपना राजस्व बढ़ाने और शराब माफिया और नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए 2021 में नई शराब नीति लेकर आई थी। इसके जरिए सरकार ने अपने सभी ठेके बंद कर दिए थे और शहर में केवल शराब के निजी ठेके और दुकानें रह गई थीं। इन दुकानों के लिए दोबारा से नए लाइसेंस जारी किए गए थे। इसके अलावा सरकार ने उन्हें डिस्काउंट पर शराब बेचने की अनुमति भी दी थी।