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अमेरिका और ब्रिटेन का यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला, रूस UNSC पहुंचा
अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में शुरू किए हवाई हमले

अमेरिका और ब्रिटेन का यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला, रूस UNSC पहुंचा

लेखन महिमा
Jan 12, 2024
10:31 am

क्या है खबर?

लाल सागर में यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के लगातार हमलों के बीच अमेरिका और ब्रिटेन ने बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को दोनों देशों ने यमन में हूती विद्रोहियों पर बड़ा हवाई हमला करके उनके ठिकानों को तबाह किया। ये लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले शुरू होने के बाद यमन के अंदर पहला हमला है। हमले के जवाब में हूतियों ने दोनों देशों को कीमत चुकाने की धमकी दी है।

निशाना 

हूतियों के लगभग 12 ठिकानों को बनाया गया निशाना

अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका की टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों और लड़ाकू विमानों ने यमन की राजधानी सना और अल-हुदायदाह के बंदरगाहों सहित हूतियों के 12 से अधिक ठिकानों पर हमला किया। 4 आरएएफ टाइफून लड़ाकू विमानों ने साइप्रस के अक्रोटिरी सैन्य अड्डे से उड़ान भरते हुए 2 हूती ठिकानों पर बमबारी की। इन हमलों के जरिए हूतियों के रडार सिस्टम, बैलिस्टिक ड्रोन और क्रूज मिसाइलों के जखीरे और लॉन्च साइट को निशाना बनाया गया।

समर्थन

अमेरिका और ब्रिटेन ने इन देशों के समर्थन से किया हमला

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने एक बयान जारी कर कहा, "हूतियों द्वारा अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय जहाजों और कई देशों के वाणिज्यिक जहाजों के खिलाफ गैरकानूनी, खतरनाक और अस्थिर करने वाली कार्रवाई को देखते हुए अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड के समर्थन से यमन में हूतियों के ठिकानों पर हमला किया।" राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, "ये हमले नवंबर से लाल सागर में हूतियों द्वारा किये जा रहे हमलों के जवाब में है।"

धमकी 

अमेरिका की चेतावनी, हूतियों ने दी धमकी 

ऑस्टिन ने कहा, "इस कार्रवाई का उद्देश्य समुद्री जलमार्गों पर यात्रियों और वैश्विक व्यापार पर हूतियों के हमले के बढ़ते खतरे को रोकना है। इस हमले के जरिए हूतियों को स्पष्ट संकेत दिया गया है कि यदि हमले नहीं रुके तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।" इस हमले के जवाब में हूती विद्रोहियों के उप विदेश मंत्री ने अमेरिका और ब्रिटेन को चेतावनी दी है कि इन हमलों के लिए उन्हें "भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"

उद्देश्य 

ब्रिटेन ने कहा- हमले का उद्देश्य हूतियों की सैन्य क्षमताओं को कम करना

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी बयान जारी कहा, "शाही वायुसेना ने यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सैन्य सुविधाओं पर हमले किए। कई चेतावनियों के बाद भी हूतियों ने लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर खतरनाक हमले नहीं बंद किए थे। इससे इस महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग पर बड़ा व्यवधान पैदा हुआ है।" उन्होंने कहा, "यह हमले केवल हूतियों की सैन्य क्षमताओं को कम करने और वैश्विक व्यापार की रक्षा करने के लिए किए गए हैं।"

बैठक 

हमले के खिलाफ रूस का UNSC से अनुरोध

यमन पर हमले को लेकर रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से आपातकालीन बैठक बुलाने का अनुरोध किया है। टेलीग्राम के जरिए संयुक्त राष्ट्र (UN) में रूसी स्थायी मिशन ने यह अनुरोध किया है। मिशन ने कहा, "रूस ने यमन पर अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों के संबंध में 12 जनवरी को UNSC की तत्काल बैठक बुलाने का अनुरोध किया है।" रूस की न्यूज एजेंसी TASS के अनुसार, यह बैठक स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे निर्धारित थी।

हमले 

नवंबर से ही जहाजों को निशाना बना रहे हूती विद्रोही

बता दें कि हूती विद्रोही 19 नवंबर के बाद से लाल सागर में जहाजों को निशाना बना रहे हैं। हूतियों ने 'MV केम प्लूटो' और 'MV साईबाबा' जहाज पर ड्रोन हमला किया था। लाइबेरिया के ध्वज वाले एक जहाज को भी निशाना बनाया गया था। दरअसल, इजरायल-हमास युद्ध में हूती विद्रोही हमास का समर्थन कर रहे हैं। वे इस क्षेत्र में इजरायल से जुड़े जहाजों पर हमला कर इजरायल को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।