हूती विद्रोही से निपटने में मदद के लिए युद्धपोत और लड़ाकू विमान UAE भेजेगा अमेरिका
क्या है खबर?
यमन के हूती विद्रोहियों के मिसाइल हमलों को देखते हुए अमेरिका ने अपने युद्धपोत और लड़ाकू विमान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भेजने का फैसला लिया है। मौजूदा खतरे से निपटने में UAE की मदद करने के लिए अमेरिका ने ये कदम उठाया है।
UAE स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने बयान में कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और अबू धाबी के युवराज मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान के बीच फोन पर बातचीत के बाद ये फैसला लिया गया है।
तैनाती
क्या-क्या तैनात करेगा अमेरिका?
अमेरिकी दूतावास के बयान के अनुसार, अमेरिका का गाइडेड मिसाइल विध्वंसक USS कोल UAE की नौसेना के साथ मिलकर काम करेगा और अबू धाबी के एक बंदरगाह पर तैनात रहेगा।
ये विध्वंसक मिसाइलों को हमले से पहले ही नष्ट करने में सक्षम है और UAE को किसी भी मिसाइल हमले की सूरत में बचाएगा।
इस विध्वंसक के अलावा अमेरिका UAE में पांचवीं पीढ़ी के बेहद उन्नत लड़ाकू विमान भी तैनात करेगा।
हमले
पिछले एक महीने में UAE पर कई हमले कर चुके हैं हूती विद्रोही
बता दें कि यमन के हूती विद्रोही पिछले एक महीने में UAE पर कई मिसाइल और ड्रोन हमले कर चुके हैं।
सबसे पहले 17 जनवरी को दो जगहों पर ड्रोन की मदद से हमले किए गए। पहले हमले में अबू धाबी एयरपोर्ट के बाहरी हिस्से में आग लग गई जिसे जल्द बुझा दिया गया।
दूसरा हमला अबू धाबी की सरकारी तेल कंपनी के एक गोदाम के पास हुआ। इसमें तीन तेल टैंकरों में हुए धमाके से तीन लोग मारे गए।
हूती विद्रोही
कौन हैं हूती विद्रोही?
2015 से यमन में गृह युद्ध चल रहा है और ये सऊदी अरब-ईरान के बीच शीत युद्ध का अखाड़ा बना हुआ है।
तब हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति अबद्राबुह मंसूर हादी को देश छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया था।
सऊदी अरब हादी का समर्थन करता है और उसकी सेनाएं यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रही हैं, वहीं ईरान पर हूती विद्रोहियों को समर्थन देने का आरोप लगता है।
लड़ाई
युद्ध में सऊदी अरब के गठबंधन के साथ लड़ रहा UAE
UAE इस युद्ध में सऊदी अरब के गठबंधन के साथ लड़ रहा है, हालांकि 2019 के बाद से उसने यमन में अपनी सैन्य उपस्थिति कम की है।
इसके बावजूद उसका इलाके पर बड़ा प्रभाव है और इसमें यमन के वे बल अहम भूमिका अदा करते हैं जिन्हें UAE ने प्रशिक्षित किया है और हथियार प्रदान किए हैं।
मौजूदा ड्रोन हमलों के बाद इस बेहद संवेदनशील इलाके में तनाव बढ़ गया है।