LOADING...
हूतियों का जहाजों पर अब तक का सबसे बड़ा हमला, अमेरिका-ब्रिटेन ने मार गिराए 18 ड्रोन
हूती विद्रोहियों ने जहाजों पर 21 ड्रोन और मिसाइल दागी है

हूतियों का जहाजों पर अब तक का सबसे बड़ा हमला, अमेरिका-ब्रिटेन ने मार गिराए 18 ड्रोन

लेखन आबिद खान
Jan 10, 2024
03:28 pm

क्या है खबर?

लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। अमेरिकी सेना की केंद्रीय कमांड ने कहा कि उसकी और ब्रिटेन की सेना ने 9 जनवरी को दक्षिणी लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन में हूतियों द्वारा दागे गए 21 ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया। ये हूती विद्रोहियों द्वारा जहाजों के खिलाफ किया गया अब तक का सबसे बड़ा हमला है।

सेना

क्या बोली अमेरिकी सेना?

केंद्रीय कमांड ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाएं ने यमन की ओर से दागे गए 18 ड्रोन, 2 एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों और एक एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल को मार गिराया। हमले के समय क्षेत्र में लगभग 50 व्यापारिक जहाज थे। घटना में किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। एक जहाज के चालक दल ने पानी में आग की लपटें या मिसाइल के निशान देखे जाने की पुष्टि की है।

हमला

जहाजों पर हूतियों का ये 26वां हमला

सेना के मुताबिक, 19 नवंबर के बाद से लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर यमन के हूतियों का यह 26वां हमला है। अमेरिकी रक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कम से कम 2 स्थानों पर हमले की सूचना मिली है। एक जहाज के चालक दल ने सूचना दी कि उन्होंने 3 छोटी नावों को देखा और नावों की दिशा से 2 मिसाइलें भी दागी गईं। इसी जहाज के आगे एक ड्रोन को भी उड़ते हुए देखा गया।

युद्धपोत

इलाके में 4 युद्धपोत तैनात

इलाके में हमलों से निपटने के लिए अमेरिका कई देशों के साथ मिलकर 'ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन' चला रहा है। इसके तहत 4 युद्धपोत लाल सागर में तैनात किए गए हैं। बता दें कि इस ऑपरेशन में बहरीन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, सेशेल्स और स्पेन समेत 12 देश शामिल हैं। कई देश इस ऑपरेशन में अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हुए हैं। इस ऑपरेशन के तहत अब तक कई हमलों को नाकाम किया जा चुका है।

नुकसान

हूतियों के हमले में अभी तक कोई बड़ा नुकसान नहीं

नवंबर में हूतियों ने 'गैलेक्सी लीडर' नामक जहाज को अगवा कर लिया था। विद्रोही हेलिकॉप्टर के जरिए जहाज पर उतरे और उसे यमन की सीमा में ले गए थे। इसके बाद 23 दिसंबर को हूतियों ने 'MV केम प्लूटो' और 'MV साईबाबा' जहाज पर ड्रोन हमला किया था। 3 दिन बाद लाइबेरिया के ध्वज वाले एक जहाज को भी हूतियों ने निशाना बनाया था। हालांकि, अच्छी बात ये है कि इन हमलों में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।

वजह

जहाजों पर हमला क्यों कर रहे हैं हूती विद्रोही?

दरअसल, इजरायल-हमास युद्ध में हूती विद्रोही हमास का समर्थन कर रहे हैं। वे इस क्षेत्र में इजरायल से जुड़े जहाजों पर हमला कर इजरायल को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की मंशा रखते हैं। उनका कहना है कि इन हमलों का उद्देश्य गाजा पट्टी और फिलिस्तीन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करना है। कथित तौर पर हूतियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है और अमेरिका समेत कई देश ईरान पर हूतियों की मदद करने के आरोप लगा चुके हैं।