हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब पर फिर किया ड्रोन हमला, मिसाइल प्रयोग करने का भी आरोप
क्या है खबर?
यमन के हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर से सऊदी अरब के कई इलाकों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया है। विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रहे सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने मामले पर बयान जारी कर बताया कि हूती विद्रोहियों ने रात को दक्षिणी सऊदी अरब की तरफ नौ ड्रोन और एक बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च किए।
कई ड्रोन्स को यमन की सीमा के पास ही मार गिरा दिया गया। हमलों में कोई भी हताहत नहीं हुआ है।
हमले
कहां-कहां किए गए हमले?
गठबंधन के अनुसार, हूती विद्रोहियों ने जिजान, खामिस मुशैत, तैफ, यंबु और धहरान अल जानुब की तरफ विस्फोटक भरे नौ ड्रोन लॉन्च किए।
इनमें से कुछ ड्रोन अपने तय लक्ष्य तक पहुंचने में कामयाब रहे, वहीं कुछ को यमन की सीमा के पास ही मार गिरा दिया गया। जजान की तरफ लॉन्च की गई एक बैलिस्टिक मिसाइल को भी हवा में ही मार गिरा दिया गया।
इन सभी घटनाओं में कुछ नागरिक वाहनों और घरों को नुकसान पहुंचा है।
आरोप
विद्रोहियों पर क्रूज मिसाइलें दागने का भी आरोप
गठबंधन के अनुसार, हूती विद्रोहियों ने जिजान स्थित सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको के एक प्लांट और अल शुकैक स्थित एक पानी के प्लांट पर भी हमला किया। शुरूआती जांच में इन प्लांट्स पर क्रूज मिसाइलों के जरिए हमला किए जाने की बात सामने आए है और गठबंधन ने ईरान के विद्रोहियों को ये मिसाइल देने की आशंका व्यक्त की है।
उसने नागरिक और आर्थिक संस्थानों पर इन हमलों को तनाव में एक बड़ी वृद्धि बताया है।
यमन गृह युद्ध
कौन हैं हूती विद्रोही?
यमन में 2015 से गृह युद्ध चल रहा है और ये सऊदी अरब-ईरान के बीच शीत युद्ध का अखाड़ा बना हुआ है।
तब हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति अबद्राबुह मंसूर हादी को देश छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया था।
सऊदी अरब हादी का समर्थन करता है और उसकी सेनाएं यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रही हैं, वहीं ईरान पर हूती विद्रोहियों को समर्थन देने का आरोप लगता है।
अन्य हमला
पहले भी सऊदी अरब पर हमला कर चुके हैं हूती विद्रोही
बता दें कि हूती विद्रोही पहले भी सऊदी अरब पर हमला कर चुके हैं। 10 मार्च को ही उन्होंने सऊदी अऱब की राजधानी रियाद पर एक ड्रोन से हमला किया था।
इससे पहले सितंबर, 2019 में हूती विद्रोहियों ने अरामको के दो बड़े प्लांट पर बड़ा हमला भी किया था। इस हमले से सऊदी को बहुत बड़ा नुकसान हुआ था और उसकी तेल उत्पादन लगभग आधा हो गया था।
विद्रोही संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पर भी हमला कर चुके हैं।