यूक्रेन की उप विदेश मंत्री आएगी भारत, युद्ध के बीच मांग सकती है मानवीय सहायता
क्या है खबर?
यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा 4 दिवसीय यात्रा पर भारत आ रही हैं। इस दौरान भारत और यूक्रेन के बीच द्विपक्षीय संबंध, यूक्रेन की वर्तमान स्थिति समेत कई अन्य मुद्दों पर बातचीत होगी।
झापरोवा विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) विक्रम मिस्री के साथ मुलाकात भी करेंगी।
पिछले साल फरवरी में यूक्रेन युद्ध की शुरुआत होने के बाद यूक्रेन के किसी भी मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है।
बयान
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने झापरोवा की यात्रा को लेकर अपने बयान में कहा, "भारत यूक्रेन के साथ अच्छे और मैत्रीपूर्ण संबंध के साथ-साथ बहुमुखी सहयोग साझा करता है। राजनयिक संबंध स्थापित करने के पिछले 30 वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग ने व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।"
मंत्रालय ने आगे कहा यात्रा दोनों देशों के बीच आपसी समझ और हितों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।
रिपोर्ट
यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता की मांग करेंगी मंत्री- रिपोर्ट
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, उप विदेश मंत्री झापरोवा अपनी यात्रा के दौरान रूस के आक्रमण के दौरान यूक्रेन में क्षतिग्रस्त ऊर्जा बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए मानवीय सहायता और उपकरणों की मांग करने की उम्मीद है।
बतौर रिपोर्ट्स, उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूक्रेन के राजधानी कीव आने का न्यौता देने की भी उम्मीद है।
गौरतलब है कि यात्रा के दौरान झापरोवा विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ भी बातचीत करेंगी।
बातचीत
दिसंबर में हुई थी यूक्रेनी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की थी। युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह चौथी बातचीत थी।
जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी से 10- सूत्रीय शांति योजना पर सहयोग मांगा था।
वहीं मोदी नेतत्काल शत्रुता की समाप्ति पर जोर देते हुए कहा था कि दोनों पक्षों को चर्चा और कूटनीतिक रास्तों से अपने मतभेदों का समाधान निकालना चाहिए।
युद्ध
पिछले साल 24 फरवरी से जारी है रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 24 फरवरी, 2022 से जारी है। इस दौरान वैश्विक समुदाय ने कई मौकों पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से युद्ध को समाप्त करने की मांग की है, लेकिन यूक्रेन पर हमले अभी भी जारी हैं।
इस युद्ध में दोनों तरफ हजारों सैनिकों की मौत हुई है और लाखों यूक्रेनी नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है। युद्ध के चलते रूस पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं।